10वीं और 12वीं की परीक्षा से पहले ही दिखी लापरवाही, चिंता में 9 लाख छात्र छात्रा
ओडिशा में प्लस टू तथा मैट्रिक परीक्षा शुरु होने से पहले ही विभाग की लापरवाही से 9 लाख छात्र-छात्राएं चिंता में हैं।
भुवनेश्वर, जेएनएन। मात्र 5 दिन बाद मैट्रिक परीक्षा शुरू हो रही है और 18 दिन बाद शुरू होगी प्लस टू थ्योरी परीक्षा। हालांकि परीक्षा शुरू होने से पहले ही एक के बाद एक विवाद में फंसता नजर आ रहा है विद्यालय एवं जन शिक्षा विभाग। किसी परीक्षार्थी के एडमिट कार्ड में अभिनेत्री का फोटो लगा है तो और किसी परीक्षार्थी के एडमिट कार्ड में दूसरे किसी स्कूल छात्रा का फोटो लगा है। विभाग की इस लापरवाही से परीक्षा देने वाले लगभग 9 लाख छात्र-छात्राएं चिंता में है। परीक्षा सिर पर है ऐसे में विभाग की इस लापरवाही से छात्रों की चिंता बढ़नी लाजमी है।
परीक्षा केंद्र फिक्सिंग को लेकर लगे आरोप
प्लस टू परीक्षा केंद्र फिक्सिंग को लेकर लगे आरोप की सच्चाई अभी तक सामने नहीं आ पाई है। परीक्षा संचालन कमेटी के कुछ सदस्य सेल्फ फाइनेंसिंग कॉलेज के लिए वकालत करने से इस तरह की समस्या उपजने को लेकर चर्चा होने के बावजूद कोई इस पर अपना मुंह अभी तक नहीं खोला है। केवल दो विधायक तथा कमेटी के सदस्य किशोर महंती एवं संतोष सिंह सलूजा ने परीक्षा केंद्र फिक्सिंग को लेकर अपना विचार रखा है। उन्होंने कहा है कि उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद की तरफ से अभी तक परीक्षा केंद्र फिक्सिंग को लेकर किसी प्रकार का स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।
विद्यालय एवं जन शिक्षा विभाग मंत्री समीर रंजन दास या फिर विभागीय सचिव कोई उत्तर नहीं दिया है । वहीं दूसरी तरफ राज्य मानवाधिकार आयोग की तरफ से विद्यालय एवं जनशिक्षा विभाग तथा उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद को रिपोर्ट तलब किया गया है। आयोग ने इस संदर्भ में 18 तारीख तक रिपोर्ट देने को कहा है।
मैट्रिक परीक्षा को लेकर समस्याएं
उसी तरह से मैट्रिक परीक्षा को लेकर भी कई तरह की समस्याएं देखने को मिल रही है। परीक्षा को महज 5 दिन बचा हुआ है और छात्रों के एडमिट कार्ड में गलतियां पाई गई हैं। गंजाम जिले के शेरगढ़ ब्लॉक डाकरड़ा शहीद हाईस्कूल के 72 परीक्षार्थियों के एडमिट कार्ड में गलती होने की बात सामने आई है। किसी छात्र के एडमिट कार्ड में छात्रा का फोटो लगा हुआ है तो वही किसी छात्रा के एडमिट कार्ड में छात्र का फोटो लगा हुआ है यहां तक कि कुछ छात्रों के एडमिट कार्ड में अभिनेत्रियों के भी फोटो लगे पाए गए हैं। यह बात सामने आने के बाद शिक्षा विभाग की तरफ से जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। माध्यमिक शिक्षा परिषद की तरफ से कहा गया है कि कहां गलती हुई है और इसके लिए कौन जिम्मेदार है उस पर जांच चल रही है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एडमिट कार्ड
विद्यालय एवं जन शिक्षा मंत्री श्री दास ने कहा है कि सोशल मीडिया में जो एडमिट कार्ड वायरल हो रहा है वह नकली है। माध्यमिक शिक्षा परिषद को बदनाम करने के लिए इस तरह के काम किए जा रहे हैं। इस पर अधिक समस्या आने पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी। यदि कुछ गलती हुई होगी तो उसमें सुधार किया जाएगा। कोई भी छात्र परीक्षा देने से वंचित ना हो उस पर ध्यान दिया जा रहा है।
Maharashtra: नागपाड़ा में सड़क किनारे पड़े शख्स ने चबा डाली ट्रैफिक कांस्टेबल की अंगुली