कोरोना का डर: परिवार ने शव को नहीं लगाया हाथ, मृतक को कंधा देकर श्मशानघाट में पत्रकारों ने किया अंतिम संस्कार
Odisha Coronavirus News Update मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ओडिशा में पत्रकारों को कोरोना योद्धा घोषित किया है मगर पत्रकार केवल खबर संग्रह करने तक सीमित नहीं हैं बल्कि विपदा के समय लोगों की मदद भी पत्रकार करने से पीछे नहीं हट रहे हैं।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण के डर से परिवार के लोग या फिर बंधु बांधव किसी ने भी शव को हाथ नहीं लगाया। प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई, मगर प्रशासन से भी कोई लाभ नहीं मिला। अन्त में इसकी जानकारी कुछ पत्रकारों को मिली तो पत्रकार वहां पहुंचे और शव को कंधा देकर श्मशान घाट ले जाकर अंतिम संस्कार कर मानवीयता का परिचय दिए हैं।
यह घटना और कहीं नहीं बल्कि राजधानी भुवनेश्वर के बाहरीक्षेत्र बालीअंता ब्लाक अन्तर्गत बालकाटी में रविवार को घटी है। बालकाटी पुलिस चौकी के रंगुणीशाही गांव के एक बुजुर्ग तअपोई बेहेरा की मौत हो गई थी। परिवार में उनका बेटा, बहु, नाती कोरोना से संक्रमित थे जबकि पिछले कुछ दिनों से तअपोई को भी ठंडा, बुखार था। रविवार को अधिक अस्वस्थ हो जाने से उनकी मौत हो गई। तअपोई की मौत कोरोना से हुई है, यह आशंका कर संक्रमण के डर से बंधु, परिवार एवं आस-पड़ोस से कोई भी व्यक्ति कंधा देने नहीं आए और ना शव के पास गए। काफी समय तक शव घर पर पड़ा रहा।
इस संबन्ध में सूचना मिलने के बाद बालीअंता इलाके पत्रकार निरंजन सेनापति, पीतवास दास, बुटू महापात्र, गगन भोई, विभुति भूषण प्रधान, जितेन्द्र बेउरा, आशुतोष चौधुरी वहां पहुंचे और शव का अंतिम संस्कार के लिए आगे आए। इन पत्रकारों ने पीपीई कीट पहनकर तअपोई के शव को घर से 2 किमी. दूर मौजूद श्मशान घाट पर ले गए और उनका अंतिम संस्कार किए।
यहां उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ओडिशा में पत्रकारों को कोरोना योद्धा घोषित किया है, मगर पत्रकार केवल खबर संग्रह करने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि विपदा के समय लोगों की मदद भी पत्रकार करने से पीछे नहीं हट रहे हैं।