ओडिशा से जल्द होगा भिखारियों का सफाया, सरकार ने बनायी खास योजना
ओडिशा सरकार जल्द ही भुवनेश्व और पुरी शहर से भिखारियेां को हटाने की योजना बना रही है इस योजना के तहत कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे।
भुवनेश्वर, जेएनएन। ओडिशा सरकार भिखारियों का पुनर्वास करेगी। राजधानी भुवनेश्वर एवं पुरी शहर के प्रमुख स्थानों पर दिख रही भिखारियों की दयनीय अवस्था ओड़िशा के विकास पर धब्बा लगाने का काम कर रही है। ऐसे में आगामी दिनों में इन प्रमुख स्थानों से भिखारियों को हटाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। गृह एवं भिन्नक्षम सशक्तीकरण विभाग इस निर्देशनामा को कार्यकारी करने की जानकारी राज्य विकास कमिश्नर सुरेश कुमार महापात्र ने दी है।
राज्य लोकसेवा भवन में आयोजित समीक्षा बैठक के मौके पर श्री महापात्र ने कहा है कि पुरी में भिखारियों को सरकार की विभिन्न योजना के तहत पुनर्वास किया जाएगा। योजना में शामिल होने योग्य जो भिखारी नहीं होगा उसे विभिन्न आश्रम में रखा जाएगा। पुरी के विकास कार्य के बाद भिखारियों को अनुशासित ढंग से श्रीमंदिर के बाहर बैठने के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी। हालांकि राजधानी भुवनेश्वर में बाहर राज्य से काफी संख्या में भिखारी घूम रहे हैं।
एयरपोर्ट चौक से लेकर एजी चौक, राम मंदिर से लेकर विभिन्न चौराहों पर भीख मांग रहे हैं। कुछ भिखारियों को तो शिशुओं को किराए पर लेकर भीख मांगने तक की बात सामने आ रही है। इससे ट्रैफिक समस्या प्रभावित होने के साथ यातायात कर रहे लोगों को नाना प्रकार की असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही राज्य बाहर राज्य से आने वाले भिखारियों के कारण राज्य के विकास की छवि भी धूमिल हो रही है।
राज्य सरकार भुवनेश्वर को विकसित कर स्मार्टसिटी की मान्यता प्राप्त कर चुकी है। विकास के जितने भी कार्य किए जा रहे हैं, भिखारियों के आचरण के कारण वह सब मिट्टी में मिल जा रहा है। इसे अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गृह विभाग एवं भिन्नक्षम सशक्तीकरण विभाग को इस दिशा में तुरन्त कदम उठाने के लिए निर्देश दिए जाने की बात श्री महापात्र ने कही है।
यहां उल्लेखनीय है कि ढाई साल पहले राज्य सरकार ने भिखारीमुक्त शहर बनाने के लिए राज्य के सभी जिलाधीशों को निर्देश दिया था। सामाजिक सुरक्षा एवं भिन्नक्षम सशक्तीकरण विभाग के सचिव निति चन्द्र ने 2017 मार्च महीने में सभी जिलाधीश को पत्र लिखकर भिखारियों के पुनर्वास करने को विशेष व्यवस्था ग्रहण करने के लिए निर्देश दिया था। उन्होंने जिला स्तर पर कितने भिखारी विभिन्न मंदिर, पर्यटन स्थल एवं अन्य जगहों पर भीख मांग रहे हैं, पहचान करने एवं उनके लिए नाना प्रकार की व्यवस्था करने को भी कहा था मगर ढाई साल बीत जाने के बावजूद तमाम निर्देशनामा केवल कागजों में सिमट कर रह गया है। अब एक बार फिर विशेष रूप से पुरी एवं भुवनेश्वर में भिखारियों के पुनर्वास का निर्देशनामा सामने आया है।कब इस निर्देशनामा को कार्यकारी किया जा रहा है, वह देखने की बात है।
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