सितंबर में ओवरब्रिज का काम शुरू नहीं हुआ तो करेंगे सड़क जाम : सिविल सोसाइटी
जासं बालेश्वर उत्तर ओडिशा की जीवनरेखा के रूप में परिचित राज्य के प्रथम फ्लाई ओवरब्रिज बा
जासं, बालेश्वर : उत्तर ओडिशा की जीवनरेखा के रूप में परिचित राज्य के प्रथम फ्लाई ओवरब्रिज बालेश्वर शहर के बीचोंबीच मौजूद है। 14 अप्रैल 1984 के दिन इस पुल का उद्घाटन किया गया था तथा आम जनता के आवागमन के लिए इसे खोला गया था। उसी दिन से पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल, झारखंड या फिर उत्तर ओडिशा के मयूरभंज या उत्तर बालेश्वर के किसी स्थान पर जाने के लिए लोगों को इसी पुल का सहारा लेना पड़ता है लेकिन आज यह पुल अपने आप में जर्जर हो चुका है। पुल के कई हिस्से टूट-टूटकर गिरने लगे हैं। विगत कई वर्षों से बालेश्वर सिविल सोसायटी की ओर से इस पुल की मरम्मत किए जाने की मांग होती चली आ रही है लेकिन मरम्मत के नाम पर कुछ न कुछ जिला प्रशासन की ओर से किया जाता है जो कि ऊंट के मुंह में जीरा के समान है तथा इस पुल का काम संपूर्ण नहीं हो पा रहा है। केवल पुल के ऊपरी हिस्से पर टूटे-फूटे जगहों को सीमेंट और बालू से जोड़ दिया जाता है लेकिन वही ढाक के तीन पात वाली कहावत फिर देखने को मिलती है। चंद दिनों बाद फिर पुल पर बड़े-बड़े गड्ढे बन जाते हैं। इस संबंधमें बालेश्वर सिविल सोसाइटी के साधारण सचिव मनोज नायक ने दैनिक जागरण से बातें करते हुए बताया कि एक जुलाई 2020 के दिन उनकी एक बैठक हुई थी जिस बैठक में सिविल सोसाइटी से जुड़े वरिष्ठ सदस्य तथा अध्यक्ष अंतर्यामी प्रधान, संतोष साहू, गौरांग पाणीग्राही, रोजी पटनायक, नमिता साहू निरंजन प्रधान, अभिजीत पंडा, हरमन दास, लक्ष्मीधर बेहेरा, सीताराम प्रधान, परमानंद पंडा समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इन सदस्यों का एक दल 12 जुलाई 2020 को बालेश्वर के जिलाधीश से मिला था तथा इन लोगों की माने तो जिलाधीश ने आश्वासन दिया है कि इसी वर्ष सितंबर के पहले सप्ताह में पुल की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। लेकिन यहां एक बड़ा सवाल यह है कि क्या जिला प्रशासन और सरकार किसी बड़ी अनहोनी की इंतजार में है। क्या आम जनता के जानमाल जाने के बाद ही जिला प्रशासन और सरकार इस पुल के मरम्मत का काम करेगी। वहीं सिविल सोसाइटी ने यह तय किया है कि अगर सितंबर के पहले सप्ताह में ओवरब्रिज का काम शुरू नहीं होगा तो सड़क जाम किया जाएगा।