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आरोपित के खिलाफ जब नहीं हुई कार्रवाई, दुष्कर्म पीड़िता ने दी जान

ओडिशा के मयूरभंज इलाके में दुष्‍कर्म की शिकार अध्‍यापिका ने आरोपित के खिलाफ कार्रवाई ने होने से आहत होकर आत्महत्या कर ली।

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 12:19 PM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 12:19 PM (IST)
आरोपित के खिलाफ जब नहीं हुई कार्रवाई, दुष्कर्म पीड़िता ने दी जान
आरोपित के खिलाफ जब नहीं हुई कार्रवाई, दुष्कर्म पीड़िता ने दी जान

बालेश्वर, जेएनएन। मयूरभंज जिले की पुलिस की संवेदनहीनता शनिवार को उस समय उजागर हुई जब एक माह पूर्व दुष्कर्म की शिकार एक अध्यापिका ने आरोपित के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से आहत होकर अपनी जान दे दी। इसके बाद तत्पर हुई पुलिस ने आनन फानन में आरोपित को पकड़ कर जेल भेज दिया। वहीं, पुलिस के खिलाफ जनता की नाराजगी को देखते हुए मयूरभंज एसपी स्मित परमार पुरुषोत्तम ने रविवार को झारपोखरिया थाना प्रभारी शरद महालिक सहायक दारोगा पीके स्वाई का ट्रांसफर कर दिया।

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हालांकि सोमवार को उन्होंने शरद महालिक को निलंबित करने की जानकारी दी। इसके बावजूद स्थानीय लोगों ने झारपोखरिया थाना प्रभारी समेत एक एसआइ पर अपना दायित्व सही ढंग से नहीं निभाने पर गंभीर सवाल उठाया कि पुलिस आखिर एक महीने तक हाथ पर हाथ धरे क्या करती रही। जिसके चलते दुष्कर्म पीड़ित अध्यापिका को न्याय नहीं मिलने के कारण अपनी जीवन लीला समाप्त करने के लिए मजबूर होना पड़ा। बताया जा रहा है कि दुष्कर्म पीड़ित अध्यापिका मयूरभंज जिले के रायरंगपुर महाविद्यालय में पढ़ाती थी। वह एक माह पहले अपने एक रिश्तेदार के घर घूमने गई थी।

वहीं पर समय सौम्य रंजन ने उसे अपनी हवस का शिकार बनाया था। पीड़िता ने इस बात की शिकायत झारपोखरिया थाना में की थी। लेकिन थाना प्रभारी और सहायक दारोगा पीके स्वाई ने उसकी बातों पर भरोसा नहीं किया। वे उसे जांच का आश्वासन ही देते रहे। पीड़िता बार-बार झारपोखरिया थाना में जाकर न्याय की भीख मांगी रही। लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज कर अपना दायित्व समाप्त समझ लिया और हाथों पर हाथ धरे चुपचाप बैठ गई। 

इसका नतीजा यह हुआ अपने खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होता देख आरोपित सौम्य रंजन साहू का हौसला बुलंद हो गया। उसने पीड़िता को जान से मारने की धमकी और अश्लील फोटो वायरल करने की धमकी देने लगा। ऐसे में लोक लज्जा, सामाजिक ताने और मानसिक अवसाद बर्दाश्त न कर सकने के कारण उक्त अध्यापिका ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेना उचित समझा। 

आखिरकार उसने शनिवार को अपनी जान दे दी। इस सबके बीच सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि कल तक जो पुलिस चुपचाप बैठी थी। वही पुलिस अचानक पीड़िता के जान देते ही कैसे तत्पर हो गई। जिला पुलिस अधीक्षक स्मित परमार पुरुषोत्तम ने आनन-फानन में एक पत्रकार सम्मेलन बुलाकर थाना प्रभारी समेत दो पुलिसकर्मियों का ट्रांसफर करने और पूरे प्रकरण की जांच कराने की जानकारी दी। उन्होंने आरोपित सौम्य रंजन साहू और उसके दो सहयोगियों को गिरफ्तार करने की भी जानकारी दी। 

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