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स्वदेशी इण्टरसेप्टर का सफल परीक्षण, जानिये आखिर क्या है इसकी खूबियां

भारत की पृथ्वी मिसाइल और पाकिस्तान की हल्फ पांच गौरी मिसाइल की मारक क्षमता तकरीबन आस-पास माना जाती है।

By BabitaEdited By: Published: Thu, 28 Dec 2017 12:19 PM (IST)Updated: Thu, 28 Dec 2017 12:19 PM (IST)
स्वदेशी इण्टरसेप्टर का सफल परीक्षण, जानिये आखिर क्या है इसकी खूबियां
स्वदेशी इण्टरसेप्टर का सफल परीक्षण, जानिये आखिर क्या है इसकी खूबियां

बालेश्वर, लावा पाण्डे। भारत ने स्वदेश निर्मित इण्टसेप्टर मिसाइल की गुरुवार को कामयाब लांचिग की। राज्य के तट पर मौजूद टेस्ट रेंज से इस मिसाइल की टेस्टिंग की गई। सूत्रों की माने तो यह इण्टरसेप्टर मिसाइल किसी भी बैलेस्टिक मिसाइल को खत्म करने में सक्षम है। बहुस्तरीय बैलेस्टिक मिसाइल रक्षा तंत्र (मल्टी लेयर्ड बैलेस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम) को विकसित किए जाने की दिशा में इस मिसाइल का निर्माण किया गया है। 

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क्या है इण्टरसेप्टर मिसाइल

यह मिसाइल एण्डो एटमसफेरिक हालात के लिए बनायी गई है। यह 7 मीटर लम्बी, राकेट से चलने वाली मिसाइल है।इसमें इनरशियल नवीगेशन सिस्टम, हाईटेक कम्प्यूटर और इलेक्ट्रो मेकनिकल एक्टिवेटर लगा हुआ है। ठीक उसी तरह एक्सो एटमसफेरिक हालात (जमीन से आसमान) के 100 किमी. की ऊंचाई के लिए दो स्टेज वाली इण्टरसेप्टर मिसाइल को डिजाइन किया जा रहा है। इंटर सेप्टर मिसाइलों के पास अपना मोबाइल लांचर होता है। इसके अलावा इण्टर सेप्शन के लिए सुरक्षित डेटा लिंक जैसी सहुलियतें मौजूद हैं। 

ऐसे लगा निशाना

इस परीक्षण से पहले जमीन से जमीन पर मार करने वाली पृथ्वी मिसाइल को चांदीपुर के परीक्षण स्थल से सुबह 9:43 बजे बतौर निशाने पर रखा गया (हवा में उड़ाया गया)। इसके बाद समुद्र में 70 किमी. दूर ह्वीलर द्वीप में स्थापित किए गए इण्टर सेप्टर (एएडी) मिसाइल को 9:47 बजे हवा में उड़ाया गया। कुछ ही पल में रेडार से सिगनल कैच कर समुद्र के ऊपर 120 किमी. की ऊंचाई पर हवा में पृथ्वी मिसाइल को इण्टर सेप्टर मिसाइलन ने इण्टर सेप्ट कर दिया (मार गिराया)। यह मिसाइल 1.2 टन वजन तक विस्फोटक ढोने की ताकत रखती है।

गुरुवार को भारत की अपनी पृथ्वी मिसाइल के हमले को इस इण्टर सेप्टिंग मिसाइल ने नाकाम कर दिया। भारत की पृथ्वी मिसाइल और पाकिस्तान की हल्फ पांच गौरी मिसाइल की मारक क्षमता तकरीबन आस-पास माना जाती है। इससे पहले इण्टर सेप्टर मिसाइल का परीक्षण इसी साल एक मार्च को सफलता पूर्वक किया गया था। आज इसके परीक्षण के मौके पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और अंतरिम परीक्षण परिषद (आईटीआर) से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों का दल मौके पर मौजूद था। इससे पहले इस इण्टरसेप्टर मिसाइल का परीक्षण 27 नवम्बर 2006, 6 दिसम्बर 2007, 6 मार्च 2009, 6मार्च 2011, 10 फरवरी 2012, 23  वम्बर 2012 को सफलता पूर्वक किया जा चुका है। 

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