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कोरोना काल में सांपों से बचा रहे हैं लोगों को स्नेक मैन कार्तिक, नहीं लेते फीस

कोरोना लॉकडाउन के बीच लोगों सांपों से रक्षा कर रहे हैं कार्तिक सेठी। स्‍नैक मैन के नाम से मशहूर कार्तिक लोगों के कहते ही उनके घर सांप पकड़ने पहुंच जाते हैं इस काम के लिए वह किसी से पैसे भी नहीं लेते हैं।

By Babita KashyapEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 02:33 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 02:33 PM (IST)
कोरोना काल में सांपों से बचा रहे हैं लोगों को स्नेक मैन कार्तिक, नहीं लेते फीस
लोोगों को सांपों से बचाने वाले स्नेक मैन कार्तिक

बालेश्वर, जागरण संवाददाता। कोरोना जैसे महामारी के चलते सरकारी  स्तर पर लॉकडाउन और शटडाउन की घोषणा किया गया है जिसके चलते लोग घरों में रहने के लिए बाध्य हैं घरों का सहारा लेकर रहने वाले लोग यदि अचानक घरों में सांप देखें तो लोगों के होश उड़ने लगते हैं सांप का नाम सुनते ही या तो लोग भाग खड़े होते हैं या फिर लाठी-डंडों से उन्हें मार देते हैं। लेकिन आज बालेश्वर का एक युवा जिसे लोग स्नेक मैन के नाम से जानने लगे हैं।

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कार्तिक सेठी कोरोना काल में भी लोगों को सांपों से बचाने का मानो बीड़ा उठा लिया है इसके लिए कार्तिक न तो कोई फीस लेते हैं न हीं पैसा जिसने जो दे दिया उसे चुपचाप रख लेते हैं। जागरण से बातें करते हुए कार्तिक ने बताया कि कोरोना काल में भी प्रत्येक दिन 4 से 5 फोन कॉल उनके मोबाइल पर आते हैं। किसी के घर से नाग सांप निकलता है तो वह बिना समय गवाएं वह स्थान पर पहुंच जाते हैं और सांपों को पकड़ के ले आते हैं।

कार्तिक का कहना है कि लॉकडॉउन के चलते कई स्थानों पर पुलिस उन्हें रोकती है, आखिर लॉकडाउन में कहां घूम रहे हो लेकिन कई पुलिसवालों इन्हें पहचानते हैं जिसके चलते उन्हें आवागमन में कोई दिक्कत नहीं होती। इनके पास सांप को पकड़ने के लिए स्नेक स्टिक और बड़े-बड़े थैला को देखकर भी पुलिस वाले छोड़ देते हैं। कार्तिक की मानें तो शटडाउन और लॉकडाउन के चलते सरकारी स्तर पर लोगों को सुरक्षित घरों में रहने के लिए कहा गया है लेकिन जब लोगों के घरों में जहरीला सांप निकलते हैं तो लोग घर छोड़कर कहां जाएं कई लोग डर के मारे घरों से बाहर निकल आते हैं तथा हमें फोन करते हैं और हम बिना समय गवाएं वहां पहुंच उक्त सांपों को पकड़ कर ले आते हैं तथा जंगलों में छोड़ देते हैं।

आज कोरोना काल मैं एक और जहां लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। आज जो है कल जीवित रहेगा या नहीं इसका कोई गारंटी नहीं है जिसके चलते लोगों के बीच भय हैं वहीं भय दुगना तब हो जाता है जब उनके घरों में सांप निकल पड़ता है। नगरपालिका के 31 वार्डों और बालेश्वर के 26 पंचायतों में घूम-घूम कर सांपों को पकड़ना मानो कार्तिक के लिए साधारण सी बात हो चुकी है।

कार्तिक की मानें तो उनका कहना है कि लोगों को सांपों से बचना चाहिए तथा सांपों को भी लोगों से बचाना चाहिए क्योंकि कई जहरीले सांपों के जहर से सांप काटने की दवाइयां बनती है यदि हम सांपों को यूं ही मार देंगे तो वह दिन दूर नहीं जब सांपों को केवल तस्वीरों के जरिए ही देखा जाएगा। खेत खलिहानों में कीटनाशक दवाइयों के छिड़काव के चलते सांपों की संख्या कम हो चुकी है। कभी कभार ही खेतों खलियान में सांप दिखते हैं इसीलिए हमारे समाज में सांपों का जीवित रहना भी अति आवश्यक है। कोरोना काल में सांपों को पकड़े जाने पर कार्तिक लोगों के बीच प्रशंसा के पात्र बन चुके हैं।


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