यहां भूतों पर लग रहा राशन लूटने का इल्जाम, करोड़ों रुपये के चावल की हो रही हेराफेरी, सरकारी माल की मची है लूट
बालेश्वर जिला के भोगराई ब्लॉक में हजार-हजार किलो का पीडीएस चावल भूतों के नाम पर उठ रहा है। साल-दर-साल लोगों की मौतें हो रही हैं लेकिन उपभोक्ता विभाग तक इसकी जानकारी पहुंच नहीं पा रही है। जांच न होने के कारण सरकारी माल का लूट मचा हुआ है।
जागरण संवाददाता, बालेश्वर। राज्य सरकार प्रत्येक परिवार के भरण-पोषण के लिए करोड़ों रुपयों का मुफ्त राशन चावल-गेहूं देने के साथ-साथ एक रुपए किलो के हिसाब से चावल दे रहे हैं। सिर्फ इतना ही नहीं 2020 में जनवरी 17 तारीख से महामारी कोरोना होने के बाद केंद्र सरकार और राज्य सरकार समस्त परिस्थिति से निपटने के लिए लोगों को मुफ्त में चावल देने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए हैं। प्राप्त खबर के अनुसार, बालेश्वर जिला के भोगराई ब्लॉक में हजार-हजार किलो का पीडीएस चावल भूतों के नाम पर उठ रहा है। खबर के अनुसार, इसी ब्लॉक के अधीन 50 पंचायत हैं। यहां पर 105 रिटेलर सहित 62878 राशन कार्ड है, जिसमें 236299 हिताधिकारी हैं।
उपभोक्ता विभाग तक नहीं पहुंच रही सही समय पर सही खबर
सरकार के नियम के अनुसार प्रत्येक हिताधिकारी के लिए हर महीने उपभोक्ता विभाग की तरफ से राशन दिया जा रहा है, लेकिन जब किसी की मृत्यु हो जा रही है उस समय उपभोक्ता विभाग के पास तुरंत खबर नहीं पहुंच पा रहा है जिसके बाद बहुत से ऐसे रिटेलर और उक्त परिवार के लोग मिलकर मृत व्यक्ति के नाम का राशन लूट रहे हैं।
वर्षों तक इस तरह गैरकानूनी तरीके से हजारों किलो चावल भूत के नाम पर हड़पने का इल्जाम लगाया जा रहा है। 8 अगस्त 2022 को भोगराई ब्लॉक के नए उपभोक्ता निरीक्षक के तौर पर विजय साहू के आने के बाद 576 मृत व्यक्तियो के नाम रद्द किए गए थे, जिसके चलते रिटेलर और हिताधिकारी के बीच डर का माहौल पैदा हुआ था, लेकिन अभी भी चावल हड़पने का सिलसिला जारी है।
भूतों के नाम पर लोग उठा रहे हैं चावल-गेहूं
इस बीच 2 साल बीत गए हैं जिले के विभिन्न ब्लॉक समेत नगरपालिका के अंतर्गत कई लोगों की मौतें हो चुकी हैं, लेकिन आज भी उनका नाम राशन कार्ड में होने के कारण हजारों क्विंटल सरकारी चावल और गेहूं भूतों के नाम पर कार्ड धारी राशन उठा रहे हैं। इस गंभीर घटना की जांच न होने के कारण सरकारी माल का लूट मचा हुआ है । वहीं, दूसरी और बालेश्वर में धनी वर्ग के लोग का भी राशन कार्ड होने के कारण अमीर और गरीब में कोई फर्क नजर नहीं आ रहा है।
रिटेलर-ग्राहक की मिलीभगत से सरकारी माल की लूट
राजनेता अपनी वोट बैंक बढ़ाने के खातिर अमीर वर्ग के लोगो का भी राशन कार्ड बना दिए हैं। बुद्धिजीवियों की माने तो कुछ लोग धनी वर्ग से संबंधित होने और कुछ लोग मृत व्यक्ति के नाम पर सरकारी राशन का खुल्लम-खुला लूट मचाएं हुए हैं।
आखिर कितने दिनों तक लूटा जाता रहेगा रिटेलर और ग्राहक के मिलीभगत के चलते सरकारी राशन यह अपने आप में एक बड़ा सवाल बन चुका है। क्या प्रशासन और सरकार उक्त घटना की जांच कर लूट हो रहे सरकारी राशन को बचाने का प्रयास करेंगे या इसी तरह सरकारी राशन का लूट मचा रहेगा।