अग्नि-1 का सफल परीक्षण
भारत ने मंगलवार को सतह से सतह पर मार करने तथा परमाणु हथिय
जागरण संवाददाता, बालेश्वर : भारत ने मंगलवार को सतह से सतह पर मार करने तथा परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम स्वदेश निर्मित अग्नि-1 बैलेस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। भारतीय सेना के सामरिक कमांड बल ने इस मिसाइल का सुबह 8:30 बजे अब्दुल कलाम द्वीप (व्हीलर द्वीप) से इंटीग्रेटेड रेंज (आइटीआर) के लांच पैड-4 से परीक्षण किया। ठोस इंजन आधारित इस मिसाइल की मारक क्षमता 900 किलोमीटर तक है।
सूत्रों के अनुसार अग्नि-1 भारतीय सशस्त्र बलों के जखीरे में शामिल पहली और एकमात्र ठोस इंजन आधारित मिसाइल है। देश में निíमत 15 मीटर लंबी तथा 12 टन वजन की यह मिसाइल 1000 किलो तक भार के पारंपरिक तथा परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम है। एकल चरण वाली अग्नि-1 मिसाइल को रेल एवं सड़क दोनों प्रकार के मोबाइल लांचर से छोड़ा जा सकता है।
अग्नि-1 के सफल परीक्षण के मौके पर बड़ी संख्या में वैज्ञानिकों का दल मौके पर मौजूद था। यह मिसाइल अपने परीक्षण के दौरान सभी मानदंडों पर खरी उतरी। यह मिसाइल जैसे ही हवा में आकाश की ओर बढ़ी अपने पीछे नारंगी एवं सफेद रंग के धुएं का मार्ग बनाती चली गई। इस मिसाइल के प्रक्षेपण अभियान को भारतीय सेना की सामारिक बल कमान ने अंजाम दिया। जिसके लिए रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (डीआरडीओ) ने जरूरी साजो सामान मुहैया कराया। अग्नि-1 के इस्तेमाल को भारतीय सेना की तैयारी की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। इस अभियान के पूरे मार्ग की अत्याधुनिक रडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो ऑप्टिक प्रणालियों से निगरानी की गई। प्रभाव स्थल के पास नौसेना की एक जहाज के जरिए जायजा लिया गया। भारतीय सेना ने इस प्रक्षेपण के कमान परिचालन समन्वय कार्यान्वयन और नेटर्विकंग को अंजाम दिया। अग्नि-1 मिसाइल का यह 18वां संस्करण था। इसका पहला परीक्षण 25 जनवरी 2002 को इसी द्वीप से किया गया था।