अग्नि-5 का हुआ सफल परीक्षण
लावा पांडे, बालेश्वर (ओडिशा) : सोमवार को सुबह 11 बजकर पांच मिनट पर यहां के अब्दुल कलाम
लावा पांडे, बालेश्वर (ओडिशा) :
सोमवार को सुबह 11 बजकर पांच मिनट पर यहां के अब्दुल कलाम द्वीप (ह्वीलर द्वीप से) अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफलता पूर्वक परीक्षण किया गया। भारत अब विश्व का पांचवां देश बन गया है, जिसके पास इस प्रक्षेपास्त्र को विकसित करने की क्षमता है। अमेरिका, रूस, फ्रांस व चीन के पास पहले से ही यह क्षमता थी। सोमवार को जैसे ही इस मिसाइल का परीक्षण किया गया, यह आकाश में सीधे उड़ान भरने लगी। उड़ान के दौरान इसके अनेक मापदंडों पर अध्ययन किया गया। 17.5 मीटर लंबी, दो मीटर व्यास तथा 50 टन वजन की यह मिसाइल एक टन वजन तक विस्फोटक ले जाने में सक्षम है। छोड़ने के चंद मिनट बाद ही मिसाइल ने ¨हद महासागर में अपने लक्ष्य को साध लिया। मिसाइल के परीक्षण के दौरान डीआरडीओ एवं आइटीआर के वरिष्ठ अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों का दल मौके पर मौजूद था। इससे पहले कई बार अग्नि-5 का सफलता पूर्वक परीक्षण इस द्वीप से किया जा चुका है।
मिसाइल के संबंध में खास बातें
-अग्नि-5 से भारत अब अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन के साथ इंटर कंटीनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल (आरसीबीएम) में शामिल हो गया है।
-इस मिसाइल की प्रहार क्षमता घातक है। यह 20 मिनट में पांच हजार किलोमीटर दूरी तय कर लेगी।
-यह देश के सामरिक रणनीति में बड़ा बदलाव लाएगी। पूरा एशिया और अफ्रीका महाद्वीप तथा यूरोप के अधिकांश हिस्से इसकी जद में होंगे। अमेरिका इसके दायरे से बाहर है।
-यह मिसाइल एक बार छूट गई तो इसे रोका नहीं जा सकता है। यह एक हजार किलो न्यूक्लीयर वारहेड ले जाने में सक्षम है।
-अग्नि-5 कैनिस्टर से छोड़ी जा सकती है और इसे सड़क के रास्ते कहीं भी पहुंचाया जा सकता है। इस खूबी के कारण इस मिसाइल को दुश्मन के उपग्रह की निगाहों से भी बचाना संभव है।
-इस मिसाइल की तकनीक का प्रयोग दुश्मन देश के उपग्रह को नष्ट करने में किया जा सकेगा। इससे हमें पलटवार की बेमिसाल ताकत मिलेगी। इसकी कमान स्ट्रेटजिक फारेंसेज कमान के हाथ में होगी।
-17 मीटर लंबी इस मिसाइल में सात मीटर लंबी वाय¨रग है। यह तीन स्टेज में मार करेगी। पहला राकेट इंजन इसे 40 किमी. की ऊंचाई पर ले जाएगा, दूसरे स्टेज में यह 150 किमी. तक जाएगी तथा तीसरे स्टेज में यह अपने अधिकतम दूरी तक जाएगी।
-भारत के पास अब तक सबसे अधिक दूरी तक मार करने वाली मिसाइल अग्नि-4 ही थी। अग्नि-5, पांच हजार से लेकर सात हजार किमी. तक मार करने की ताकत रखती है।