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भ्रष्टाचार के विरुद्ध पूर्व एसपी की गुहार, थाने के आगे कर रहे हैं जूते पालिश

अपनी बेटी के शादी में अतिथियों को पौधे देकर पर्यावरण का संदेश देने वाले पूर्व एसपी अब थाने के सामने जूता पालिश कर भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ रहे हैं।

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 02:45 PM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 02:45 PM (IST)
भ्रष्टाचार के विरुद्ध पूर्व एसपी की गुहार, थाने के आगे कर रहे हैं जूते पालिश
भ्रष्टाचार के विरुद्ध पूर्व एसपी की गुहार, थाने के आगे कर रहे हैं जूते पालिश

बालेश्वर, लावा पांडे। कभी शान से खाकी वर्दी का रुतबा जमाने वाले तो कभी सतर्कता विभाग के एसपी के तौर पर भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई लड़ने वाले एक पूर्व पुलिस अधिकारी को आज खुद पुलिस से न्याय न मिलने के कारण विभिन्न थानों के सामने तो कभी एसपी कार्यालय के सामने जूता पालिश करते साफ देखा जा सकता है। यदि आज यह कहा जाए कि न्याय की आस में पूर्व एसपी की गुहार तो शायद कम नहीं होगी। 2 अक्टूबर 2019 के दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150वीं जयंती के अवसर पर पूरे देश में स्वच्छता का नारा दिया गया था।

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छात्रों से लेकर युवकों राजनीतिक दल के नेताओं समेत समाज के समस्त वर्ग के लोग विभिन्न रैलियों सभा समितियों के जरिए तथा हाथों में झाड़ू लेकर मुख्य चौराहों सड़कों गलियों में साफ-सफाई का नारा लगाने के साथ स्वच्छता अभियान में जुट गए थे। देश की मिसाइल नगरी के रूप में परिचित बालेश्वर शहर भी गांधी जयंती की धूम में रंग गई थी। इन सबके बीच एक पूर्व एसपी सहदेवखुंटा थाना के सामने जूता पालिश करते देखे गए थे।

उज्जवल कुमार ब्रह्मा नामक यह पूर्व एसपी पुलिस विभाग में स्वच्छता की बात को लेकर जूता पालिश कर अपना विरोध प्रकट करने में लगे थे। इसके चंद दिनों बाद वह बालेश्वर एसपी के कार्यालय के सामने फिर से अपना विरोध प्रकट कर जूता पालिश करते देखे गए। आखिर आप क्यों जूता पालिश कर रहे हैं यह सवाल पूछने पर उन्होंने बताया कि गांधी जयंती से ही मैंने यह तय किया कि केवल रास्ता या मोहल्ला साफ होने से समाज में सफाई नहीं आएगी क्योंकि भ्रष्ट हो चुके पुलिस विभाग को भी साफ होना पड़ेगा। इस संपर्क में उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि आज आम जनता थानों में जाने से कतराने लगी है क्योंकि पुलिस की लाल आंख एवं दूर्व्यवहार किसी से छिपा नहीं है। मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ। मैं एक मामले में थाना गया लेकिन न्याय नहीं मिला। जब एक पूर्व एसपी की सुनवाई नहीं हुई तो आम जनता की कौन सुनेगा। इसी लिए मेरी उम्र 70 वर्ष हो जाने के कारण मैं इसका विरोध करने का यही एकमात्र रास्ता चुना कि जूता पालिश कर आम जनता को जागरूक करूंगा। 

ब्रह्मा ने बताया कि मैंने अपनी दोनों बेटियों के विवाह में आने वाले अतिथियों को विभिन्न प्रकार के वृक्षों के पौधे बांटे थे इस मकसद से की पर्यावरण सुरक्षा के साथ-साथ लोगों को फल एवं फूल का आनंद मिलेगा। उन्होंने बताया कि पुलिस वालों को चरित्रवान, कर्तव्यवान होना चाहिए लेकिन आज पुलिस यह सब भूल चुकी है। उन्होंने कहा कि जूता इसलिए पालिश करता हूं कि जूता नीचे पहना जाता है तथा नीचे से ऊपर तक पुलिस विभाग में सफाई की जरूरी है।

आज पुलिस वाले थानों में एसी लगा कर बैठते हैं जो कि गैरकानूनी है। ब्रह्मा कहते हैं कि कंप्यूटर लगाने के नाम पर पुलिस वालों को एसी में बैठना आखिर कहां का न्याय है जबकि आम जनता के थानों में बैठने के स्थान पर पंखा तक सही ढंग से नहीं चलता है। उनकी मानें तो आने वाले दिनों में पुलिस स्वच्छता के नाम पर वह कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के कार्यालय के सामने उक्त विभाग को स्वच्छ निर्मल करने के उद्देश्य जूता पालिश के जरिए अपना विरोध जारी रखेंगे।

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