ब्रह्मोस का सफल परीक्षण
जागरण संवाददाता, बालेश्वर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन तथा रूस के वैज्ञानिकों के संयुक्त सहय
जागरण संवाददाता, बालेश्वर
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन तथा रूस के वैज्ञानिकों के संयुक्त सहयोग से निíमत जमीन से जमीन पर मार करने वाली क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का शनिवार को चांदीपुर आइटीआर के एलसी तीन से सफलता पूर्वक परीक्षण सुबह 11 बजकर 33 मिनट पर किया गया। यह प्रक्षेपास्त्र 8.4 मीटर लंबा तथा 0.6 मीटर चौड़ा है। इसका वजन 3 हजार किलोग्राम है। यह 300 किलोग्राम वजन तकविस्फोट ढोने एवं 290 किलोमीटर तक मार करने क्षमता रखता है। यह सुपरसोनिक क्रूज प्रक्षेपास्त्र आवाज की गति से भी 2.8 गुना तेज जाने की क्षमता रखता है। इस प्रक्षेपास्त्र को पानी जहाज, हवाई जहाज, जमीन एवं मोबाइल लांचर से छोड़ा जा सकता है। इस प्रक्षेपास्त्र को किसी भी दिशा व लक्ष्य की ओर मनचाहे तरीके से छोड़ा जा सकता है।
इसके परीक्षण के मौके पर शनिवार को डीआरडीओ एवं आइटीआर से जुड़े कई वरिष्ठ वैज्ञानिक व अधिकारियों का दल मौके पर मौजूद था। इस प्रक्षेपास्त्र के सटीकता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह जमीनी लक्ष्य को 10 मीटर की ऊंचाई से भेद सकता है। इस प्रक्षेपास्त्र को बहुउद्देश्यीय प्लेटफार्म से प्रक्षेपित किया जा सकता है। रूस के संयुक्त रूप से विकसित ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। इस मिसाइल को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि यह घनी शहरी आबादी में भी छोटे लक्ष्यों को सफलता से भेदने में सक्षम है।
ब्रह्मोस मिसाइल दो चरणीय वाहन है। इसमें ठोस प्रोपोलेट बुस्टर तथा तरल प्रोपोलेट रैम जैम सिस्टम लगा है। ब्रह्मोस का पहला परीक्षण 12 जून 2001 को चांदीपुर के आइटीआर से सफलता पूर्वक परीक्षण किया गया था। ब्रह्मोस का एक बेड़ा पहले से ही सेना में शामिल किया जा चुका है।