ब्रह्माोस मिसाइल का सफल परीक्षण
राज्य में हो रही भारी बारिश के बावजूद जमीन से जमीन पर प्रहार क
जागरण संवाददाता, बालेश्वर : राज्य में हो रही भारी बारिश के बावजूद जमीन से जमीन पर प्रहार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्माोस का सोमवार को सुबह बालेश्वर के चांदीपुर से सफलता पूर्वक परीक्षण किया गया। ब्रह्माोस के जीवनकाल को बढ़ाने के लिए यह परीक्षण किया गया है। यह मिसाइल की एक्सपायरी डेट 10 से बढ़ाकर 15 साल तक करने की कवायद का हिस्सा था। ब्रह्माोस भारत एवं रूस द्वारा विकसित अब तक की सबसे आधुनिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली का हिस्सा है।
एयरोस्पेस और डीआरडीओ की मदद से आवाज की गति से तीन गुना तेज जाने वाली ब्रह्माोस मिसाइल का सोमवार को 10:30 बजे चांदीपुर के एलसी-3 से सफलता पूर्वक परीक्षण किया गया। यह मिसाइल 290 किलोमीटर मार करने की क्षमता रखती है। सेना में शामिल हो चुकी इस मिसाइल का विगत कई सालों से सफलता पूर्वक परीक्षण किया जाता रहा है। सोमवार को इसके परीक्षण के मौके पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) तथा अंतरिम परीक्षण परिषद (आइटीआर) से जुड़े वरिष्ठ वैज्ञानिक व अधिकारियों का दल मौके पर मौजूद था। ब्रह्माोस मिसाइल रूस एवं भारत के वैज्ञानिकों के संयुक्त प्रयास से तैयार की गई है। इस मिसाइल को पनडुब्बी व पानी के जहाज के अलावा विमान या फिर जमीन से भी छोड़ा जा सकता है। ब्रह्माोस के समुद्री तथा थल संस्करणों का पहले से ही सफलता पूर्वक परीक्षण हो चुका है। इसे भारतीय सेना एवं नौसेना को सुपुर्द किया जा चुका है। ब्रह्माोस को एयरोस्पेस भारत रक्षा शोध एवं विकास संगठन तथा रूस के एनपीओएम ने संयुक्त रूप से विकास किया है। क्रूज प्रक्षेपास्त्र का मतलब कम ऊंचाई पर तेजी से उड़ान भरना एवं रडार को चकमा देकर अपने लक्ष्य प्राप्त कर लेना है। इस प्रक्षेपास्त्र को कहीं से भी दागा जा सकता है। इस मिसाइल का ब्रह्माोस नाम भारत की ब्रह्मापुत्र नदी तथा रूस की मस्कवा नदी के नाम पर रखा गया है।