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बालेश्वर के भोगराई में विरल प्रजाति की पाई गई 12 फीट लंबी मछली , 30 हजार में बिकी

विरल प्रजाति की इस मछली को कोलकाता के एक दवा कंपनी ने 30 हजार रुपए में खरीदने की सूचना मिली है। सूत्रों की माने तो उक्त मछली के अंशों से डिप्रेशन की दवाई या फिर गठिया दर्द की दवाई बनाई जाती है।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputPublished: Tue, 15 Nov 2022 10:14 PM (IST)Updated: Tue, 15 Nov 2022 10:14 PM (IST)
बालेश्वर के भोगराई में विरल प्रजाति की पाई गई 12 फीट लंबी मछली , 30 हजार में बिकी
उक्त मछली को कोलकाता के एक दवा कंपनी ने 30 हजार रुपए में खरीदने की सूचना मिली है।

बालेश्वर, जागरण संवाददाता। बालेश्वर जिला के अंतर्गत भोगराई नामक ब्लॉक के अधीन सीमावर्ती दीघा नामक स्थान के नजदीक एक अद्भुत किस्म के मछली पकड़े जाने से यहां के इलाके में चर्चा का विषय बन गया है। इस मछली का वजन 550 किलो है तथा यह 12 फीट लंबा है। इस कांटेदार मछली और अद्भुत किस्म के मछली को देखने के लिए काफी तादाद में लोगों की भीड़ भोगराई नामक स्थान पर इकट्ठा हुआ था।

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दवा कंपनी ने 30 हजार रुपए में खरीदा

उक्त मछली को कोलकाता के एक दवा कंपनी ने 30 हजार रुपए में खरीदने की सूचना मिली है। सूत्रों की माने तो उक्त मछली के अंशों से डिप्रेशन की दवाई या फिर गठिया दर्द की दवाई बनाई जाती है। इस मछली को ओडिशा में पानियाफाल और पश्चिम बंगाल इलाके में चिरून मछली के नाम से जाना जाता है। रविवार को पारादीप इलाके का एक ट्रॉलर पर सवार मछली मारने वाले इस विरल प्रजाति की मछली को पकड़कर दीघा नामक स्थान पर स्थित मछली विक्रय केंद्र पर लाकर बेच दिए थे।

मछली में भरे हुए औषधीय गुण

स्थानीय लोगों की मानें तो इस मछली में औषधीय गुण भरे हुए हैं। यहां उल्लेखनीय है कि एक सप्ताह पहले उक्त इलाके में तेलिया नामक मछली पाया गया था। इस मछली में भी औषधीय गुण होते है। उक्त मछली को एक दवा कंपनी ने एक लाख में खरीद लिया था। मछली विशेषज्ञ बताते हैं कि आखिर कैसे इस प्रजाति की मछलियां उक्त इलाके में चले आते हैं। उनका माने तो उक्त मछलियों के खाने का आहार उस इलाके में पाया जाता है जिसके कारण यह मछलियां बार-बार उसी इलाके में पकड़ी जाती है।

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