बालेश्वर के बहाबलपुर में नहीं जला दीपावली का दीया
जिले के सदर ब्लाक अंतर्गत मेराइन थाना के बहाबलपुर गांव में इस बार
जागरण संवाददाता, बालेश्वर
जिले के सदर ब्लाक अंतर्गत मेराइन थाना के बहाबलपुर गांव में इस बार दीपावली का दीया नहीं दिया नहीं जलाया गया। समूचा गांव शोकमग्न है, यहां चारों तरफ मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। दीपावली के एक दिन पूर्व बुधवार को इस गांव में पटाखा फैक्ट्री में लगी आग से आठ लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 10 लोग घायल हो गए थे। जिनमें से तीन लोगों की मौत हो चुकी है। इस हादसे में शुक्रवार को मृतकों की संख्या 11 तक पहुंच गई। अस्पताल में भर्ती पांच की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है जिनमें से दो खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हादसे पर गहरा दुख जताते हुए प्रत्येक मृतक के परिवार को दो लाख रुपये एवं घायलों को 50 हजार रुपये और सरकारी खर्च पर इलाज कराने की घोषणा की है। वहीं जिलाधीश ने प्रत्येक मृतक के परिवार वालों को 10 हजार रुपये की सहायता राशि रेडक्रास फंड से प्रदान दी है।
बहाबलपुर के गोलक प्रधान पिछले चार साल से अपने घर में पटाखा बनवा रहे थे। इसमें परिजनों के साथ गांव के भी कई लोग काम करते थे। बुधवार शाम गोलक का पौत्र पटाखा जला रहा था। उसकी चिंगारी पटाखा बनाने वाले कमरे में जा गिरी और पहले से तैयार पटाखों में आग लग गई। इस हादसे में घटनास्थल पर ही आठ लोगों की मौत हो गई। जबकि तीन लोगों ने इलाज के दौरान कटक एससीबी मेडिकल में दमतोड़ दिया। घटना की सूचना पाते ही बालेश्वर के जिलाधीश प्रमोद दास, एसपी नीति शेखर, सांसद रवींद्र जेना, विधायक जीवन प्रदीप दास समेत अन्य ने घटना स्थल का जायजा लिया। हादसे में मरने वालों में कन्हेई लाल प्रधान, राकेश प्रधान, गोलाई प्रधान, निमाई भुया, ¨पटू मंडल, रामपद माइती, निमेई लाल प्रधान व नंदिनी बेहेरा का नाम शामिल है। तीन मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है। हादसे के बाद मेराइन थाना के प्रभारी संतोष बेहेरा को निलंबित कर दिया गया है।
घटना के बाद जिला प्रशासन ने सरकार के निर्देशानुसार जिले में बनी पटाखा फैक्ट्रियों में छापामारी की। इस दौरान गैरकानूनी पटाखा बनाने वाले अपना घर छोड़कर फरार हो गए। पुलिस ने मौके से बरामद सामग्री को जब्त कर लिया। स्थानीय लोगों की माने तो गैरकानूनी तरीके से चलाए जा रहे पटाखा कारखाना के बारे में पुलिस प्रशासन को पहले से पता था।