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Jagannath Temple Odisha: पुरी जगन्नाथ मंदिर में चूहों का आतंक, कुतर डाले भगवान के कपड़े

Rats in Jagannath Temple चूहों के आतंक के बाद मूर्तियों और अन्य सामान की सुरक्षा को लेकर सेवादार अब चिंतित होने लगे। लाकडाउन के समय से ही मंदिर में चूहे उत्पात मच रहे हैं। मंदिर में चूहों को मारा जाना मना है अलग-अलग तरीके से नियंत्रण किया जाता है।

By Jagran NewsEdited By: Mahen KhannaPublished: Tue, 17 Jan 2023 02:13 AM (IST)Updated: Tue, 17 Jan 2023 02:13 AM (IST)
Jagannath Temple Odisha: पुरी जगन्नाथ मंदिर में चूहों का आतंक, कुतर डाले भगवान के कपड़े
Jagannath Temple में एक बार फिर चूहों का आतंक बढ़ा

जागरण संवाददाता, अनुगुलओडिशा के श्रीजगन्नाथपुरी मंदिर में चूहों के आंतक से सेवादार परेशान हैं। यहां चूहे रत्न सिंहासन पर विराजमान भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और उनकी बहन देवी सुभद्रा के कपड़े कुतर दे रहे हैं। इसके अलावा चूहों ने भगवान जगन्नाथ से जुड़ी पवित्र नागनागुनी (नाग-नागिन) रस्सी को भी कुतर दिया है। इसके अलावा चूहे मंदिर में अन्य सामान भी नष्ट कर रहे हैं। मूर्तियों और अन्य सामान के संरक्षण को लेकर पुजारी चिंतित हैं।

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मंदिर में चूहों की संख्या बहुत बढ़ी

बताया जा रहा है कि लाकडाउन के समय से ही चूहे यहां उत्पात मचा रहे हैं। हाल के दिनों में मंदिर में चूहों की संख्या बहुत बढ़ गई है। मंदिर के सेवादारों ने बताया कि मंदिर में चूहों को मारा नहीं जाता है। सेवादार अलग-अलग तरीके से उन्हें नियंत्रित करते हैं और पकड़कर बाहर कर देते हैं। कुछ दिनों पहले तक यहां से चूहे गायब हो गए थे, लेकिन एक बार फिर चूहों का आतंक बढ़ा है।

कई बिल दिखे, मंदिर की संरचना को खतरा

सेवादारों ने कहा कि मंदिर में भगवान जगन्नाथ की कई तरह की गुप्त सेवा की जाती है। इसमें चूहे, काकरोच व अन्य कीट-पतंगों को नियंत्रित करना भी शामिल है। इसके लिए कई तरह की सामग्री मंदिर में रखी जाती है, जिससे चूहे और अन्य कीट भाग जाते हैं। इस बीच एक सेवादार ने बताया कि गर्भगृह में पत्थरों के गैप के बीच कुछ बिल देखे गए हैं, जिनसे मंदिर की संरचना को खतरा हो सकता है। मंदिर प्रबंधन को सूचना दी गई है। इसे दुरुस्त करने की दिशा में काम हो रहा है।

इस रास्ते से चूहों का हो रहा है प्रवेश

कहा जा रहा है कि कालाहाट द्वार से रत्न सिंहासन क्षेत्र में चूहों का प्रवेश होता है। रिपोर्टों से पता चलता है कि गर्भगृह के पानी को लक्ष्मी मंदिर के सामने नाली के माध्यम से निकाला जाता है, जिस पर ढक्कन नहीं है। संभव है कि चूहे इसी रास्ते से अंदर घुस रहे हों।


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