Republic Day: राष्ट्रपति-पीएम मोदी के सामने ओडिसा की छह लड़कियों ने किया शानदार झूमर डांस, दर्शक मंत्रमुग्ध
74th Republic Day दिल्ली में कर्तव्य पथ पर झूमर नृत्य करने वाली यह छह कलाकार अदृता चिल्ड्रन ग्रुप की हैं। ये सभी बच्चियां अनाथ हैं। उनकी शानदार प्रस्तुति देखकर दर्शकों ने खूब तालियां बजाई। एक बच्ची ने बताया कि उसने यूट्यूब से नृत्य सीखा है।
अनुगुल, संतोष कुमार पांडेय। नई दिल्ली में कर्तव्य पथ पर 74वें गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान ओडिसा की छह लड़कियों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने झूमर नृत्य की प्रस्तुति दी। उनका शानदार नृत्य देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए।
74वें गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान पारंपरिक झूमर नृत्य करने वाली यह छह कलाकार अदृता चिल्ड्रन ग्रुप की हैं। ये सभी बच्चियां अनाथ हैं। परेड के बाद वंदे भारतम कार्यक्रम के दौरान ओडिशा के ओडिसी सहित कई राज्यों के पारंपरिक और सांस्कृतिक नृत्य के साथ पुरी की साही जटा और क्योंझर के झूमर नृत्य का प्रदर्शन किया गया। इसी दौरान ओडिसा की छह लड़कियों की शानदार प्रस्तुति ने लोगों का दिल जीत लिया। हालांकि, अनाथालय से कर्तव्य पथ पर पहुंचने के लिए छह कलाकारों ने लंबा सफर तय किया है।
यूट्यूब देखकर सीखा झूमर
नृत्य मंडली के सभी सदस्य क्योंझर के निवासी हैं, लेकिन वे अनुगुल में पढ़ते हैं। मंडली के एक सदस्य ने दिल्ली जाने से पहले कहा था कि हम पूरे ओडिशा का आशीर्वाद चाहते हैं। जिससे हम झूमर नृत्य करते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें। हम गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम के लिए अच्छी तरह तैयार हैं। वहीं एक अन्य कलाकार ने कहा कि 'मैं क्योंझर के घाटगांव का मूल निवासी हूं और अनुगल में स्थानांतरित हो गया हूं। मैंने यूट्यूब देखकर पारंपरिक नृत्य सीखा है।
गणतंत्र दिवस से पहले एक मुलाकात के दौरान मंडली के एक कलाकार ने कहा था कि हम गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान ओडिशा का प्रतिनिधित्व करने के लिए बेहद उत्साहित हैं। मुझे खुशी है कि मुझे नई दिल्ली में कर्तव्य पथ पर हमारे पारंपरिक नृत्य को प्रदर्शित करने का अवसर मिला है और पहली बार हम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के सामने प्रदर्शन करने जा रहे हैं। यह हमारे लिए गर्व का क्षण है।
बता दें कि कर्तव्य पथ पर लगभग डेढ़ घंटे तक देश की सैन्य, सांस्कृतिक, लोकतांत्रिक और राजनीतिक शक्ति की जो झांकी निकली। परेड में कुल आठ सैन्य दस्ते शामिल रहे। सेना की ओर से जो टुकड़ियों ने मार्च किया। बीएसएफ का एक कैमल बैंड आकर्षण का केंद्र रहा।