बेटा बिलावल नाराज, बेटी को बेनजीर की जागीर देंगे जरदारी
पाकिस्तान की राजनीति में जल्द ही एक नया चेहरा सामने आने वाला है। पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की बेटी बख्तावर भुट्टो का राजनीति में आगमन हो रहा है। इसकी औपचारिक शुरुआत चार अप्रैल को हो सकती है। सूत्रों के अनुसार इस दिन बख्तावर सिंध के गढ़ी खुदा बख्श में आयोजित
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की राजनीति में जल्द ही एक नया चेहरा सामने आने वाला है। पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की बेटी बख्तावर भुट्टो का राजनीति में आगमन हो रहा है। इसकी औपचारिक शुरुआत चार अप्रैल को हो सकती है। सूत्रों के अनुसार इस दिन बख्तावर सिंध के गढ़ी खुदा बख्श में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करेंगी।
सूत्रों के अनुसार बेटे बिलावल से मतभेद के चलते आसिफ अली जरदारी ने अब बेटी को राजनीति में लाने की योजना बनाई है। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जरदारी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष हैं। बिलावल भुट्टो जरदारी आधिकारिक तौर पर पिछले साल राजनीति में उतरे थे, लेकिन पार्टी मामलों से निपटने को लेकर शीघ्र ही उनके अपने पिता से मतभेद हो गए।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक बिलावल लंदन में रह रहे हैं और उच्च शिक्षा के लिए दो साल के लिए राजनीति से ब्रेक लेने की योजना बना रहे हैं। भुट्टो नाम जरूरीपाकिस्तान की राजनीति में पीपीपी की धार बनाए रखने के लिए पार्टी को भुट्टो नाम के जादू की जरूरत है।
बिलावल से मायूसी मिलने के बाद पार्टी को उम्मीद है कि जनता को बख्तावर में बेनजीर की झलक मिलेगी। बख्तावर ने ब्रिटेन की 'यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग' से ग्रेजुएशन किया है। पांच साल बाद हटे बैरिकेड जरदारी के आदेश के बाद कराची में बुधवार को बिलावल हाउस से पांच साल बाद बैरिकेड्स हटाए गए।
पीपीपी की उपाध्यक्ष शेरी रहमान ने बताया कि सुरक्षा से जुड़े खतरों के बावजूद घर के बाहर से बैरिकेड्स हटा दिए गए हैं। पूर्व राष्ट्रपति जरदारी के कैंप ऑफिस बनाने के बाद सार्वजनिक उपयोग रोकने के लिए बिलावल हाउस के बाहर बैरिकेड्स लगा दिए गए थे।
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साभारः नई दुनिया