WTO में सोलर पैनल को लेकर अमेरिका से केस हारा भारत
गौरतलब है कि कि भारत ने डब्ल्यूटीओ की समिति के फैसले को चुनौती देते हुए अप्रैल में डब्ल्यूटीओ की अपीलीय संस्था में मामला दायर किया था।
जिनेवा। भारत सौर ऊर्जा पर विवाद के मामले में विश्व व्यापार संगठन में मुकदमा हार गया है। डब्ल्यूटीओ की अपीलीय संस्था ने सौर ऊर्जा मामले में अमेरिका के साथ विवाद में भारत के खिलाफ दिए गए समिति के फैसले को सही ठहराया है। भारत सरकार अमेरिका की इस शिकायत को गलत साबित करने में नाकाम रही कि उसने भारतीय सौर ऊर्जा क्षेत्र में आयातकों के बीच भेदभाव किया। ओबामा सरकार ने भारत के राष्ट्रीय सौर मिशन के तहत घरेलू कलपुर्जों की अनिवार्यता को चुनौती दी थी।
WTO की अपीलीय प्राधिकार के जजों ने पहले के फैसले को सही ठहराया जिसमें कहा गया है कि सोलर पावर डिवेलपर्स के लिए भारत में बने सेल्स और मॉड्यूल्स के इस्तेमाल को अनिवार्य बनाकर भारत ने डब्ल्यूटीओ के नियमों को तोड़ा है। अपील का आखिरी फैसला है और अब भारत को अपने कानून में डब्ल्यूटीओ के कानूनों के अनुसार बदलाव करना पड़ेगा।
गौरतलब है कि कि भारत ने डब्ल्यूटीओ की समिति के फैसले को चुनौती देते हुए अप्रैल में डब्ल्यूटीओ की अपीलीय संस्था में मामला दायर किया था।
अमेरिकी ट्रेड रेप्रजेंटेटिव माइकल फ्रोमैन ने जारी एक बयान में कहा कि यह रिपोर्ट सौर संयंत्र बनाने वाली अमेरिकी कंपनी और इसमें काम करने वाले लोगों की जीत है। साथ ही, इससे जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध लड़ाई एक कदम और आगे बढ़ी है।' बयान में कहा गया कि भारत ने जब से यह नियम लागू किया है तब से अमेरिकी सोलर एक्सपोर्ट्स में 90 फीसदी से ज्यादा गिरावट आ गई है। दूसरी ओर, भारत के अधिकारियों ने इस फैसले पर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की।