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जानिए, पक्षी क्यों नहीं भूलते अपना रास्ता

कबूतर व अन्य पक्षी बिना रास्ता भूले एक स्थान से दूसरे स्थान पर कैसे पहुच जाते हैं जैसे प्रश्न का हल वैज्ञानिकों ने सुलझा लिया है!

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 13 Jun 2016 09:52 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jun 2016 08:41 PM (IST)
जानिए, पक्षी क्यों नहीं भूलते अपना रास्ता

लंदन। 23 फरवरी 1942 को रायल एयफोर्स का एक विमान अपना संतुलन खो देता है अौर उत्तरी सागर में गिर जाता है। विमान में 4 पायलट सवार थे। उनके पास एक कबूतर भी था।

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दुर्घटना के कारण विंकी नाम का कबूतर तेल से भीग गया था। वह उड़ने की स्थिति में नहीं था। वहीं दूसरी अोर समुद्र में फंसे पायलटों के पास सूचना तंत्र का कोई माध्यम नहीं था। तभी कबूतर के शरीर में कुछ हरकत शुरु हुई। इससे पायलटों को बचने की एक उम्मीद जगी। फिर भी वे सोच रहे थे कि 120 मील की उड़ान तय कर कबूतर मालिक तक पहुंच पाएगा की नहीं।

कबूतर वहां से उडा अौर कुछ ही देर में दुर्घटना की सूचना ब्रिटिश अधिकारियों को मिल गई। अधिकारी तुरंत पायलटों को बचाने के लिए अपने बचाव मिशन में जुट गए।

...तो कबूतर ने यह कैसे किया?

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग में एक शोधकर्ता डैनियल केटिंग ने कहा कि हमें लगता है कि पक्षी क्वांटम यांत्रिकी का उपयोग कर रास्ता पता कर लेते हैं। क्वांटम यांत्रिकी कुछ वैज्ञानिक सिद्धान्तों का एक समुच्चय है जो परमाणवीय पैमाने पर उर्जा एवं पदार्थ के ज्ञात गुणधर्मों की व्याख्या करते हैं। इसमें उप-परमाणु पैमाने पर जो प्रकाश और उप-परमाणुवीय कणों में तरंग-कण द्विरूप देखा जाता है, उसका गणित आधार सम्मिलित है। क्वांटम यान्त्रिकी में उर्जा और पदार्थ के गहरे सम्बन्ध का भी गणित आधार सम्मिलित है। जो पक्षियों के मस्तिष्क में पाया जाता है।

हालांकि कई ऐसे शोध हुए हैं जिसमें रोचक दावे किए गए हैं। वैज्ञानिक कहते हैं कि पक्षियों का नेचुरल मैप उनकी प्रजाति पर निर्भर करता है। जैसे समुद्री पक्षी अपना रास्ता सूरज और तारों के हिसाब से तय करते हैं।
अधिकांश पक्षी मैगनेटिक फील्ड के हिसाब से भी अपना रास्ता तय करते हैं।

वे पृथ्वी की मैगनेटिक फील्ड्स नॉर्थ-साउथ लाइन्स के हिसाब से नेविगेट करते हैं। एक स्टडी में यह साबित भी हो चुका है। कबूतर भी ऐसे ही नेविगेट करते हैं। माना जाता रहा है कि उनकी चोंच में कुछ ऐसी कोशिकाएं होती हैं, जिनमें आयरन की मात्रा अधिक होती है। इससे उनको नेविगेट करने में मदद मिलती है। हालांकि बाद में यह भी कहा गया कि वो उनके प्रतिरक्षी तंत्र से संबंध रखती है। स्तनधारी जानवर, खासकर कुत्ते और बिल्ली कई तरह से नेविगेट करने की क्षमता रखते हैं।


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