मोसुल से ISIS का सफाया, जान बचाने के लिए छिप रहे हैं आतंकी
हालात पर नजर रखने के लिए लड़ाकू विमान लगातार शहर के ऊपर चक्कर लगा रहे हैं। जहां भी अंदेशा होता है, वहां वे बम गिराने से नहीं चूक रहे।
मोसुल, रायटर। इस्लामिक स्टेट (आइएस) के आतंकी अब अपनी राजधानी मोसुल छोड़कर भाग रहे हैं या जान बचाने के लिए छिप रहे हैं। इनमें से कुछ तो टिगरिस नदी में कूद कर जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे 30 आतंकियों को इराकी सेना ने मार गिराया और कुछ को पानी से निकालकर बंदी बनाया है।
करीब नौ महीने चली लड़ाई में अंतत: आइएस के पांव उखड़ गए और इराक में उसे अपनी राजधानी मोसुल गंवानी पड़ी है। इराकी सेना के कमांडो दस्ते अब पुराने मोसुल शहर में घुस गए हैं और वे आतंकियों की तलाश में घर-घर जा रहे हैं। अंदेशा है कि आतंकी जान बचाने या घात लगाकर हमला करने के लिए कहीं छिपे हो सकते हैं। किसी गली में आतंकी मिल भी रहे हैं तो उनसे सुरक्षा बलों का सामना हो रहा है।
हालात पर नजर रखने के लिए लड़ाकू विमान लगातार शहर के ऊपर चक्कर लगा रहे हैं। जहां भी अंदेशा होता है, वहां वे बम गिराने से नहीं चूक रहे। आइएस सरगना अबू बकर अल-बगदादी लापता है। रूस के दावे पर भरोसा किया जाए तो उसे सीरिया में आइएस की राजधानी रक्का में मार गिराया गया है। लेकिन उसकी लाश अभी तक बरामद नहीं हुई है। मोसुल की लड़ाई में हजारों शहरवासियों को अपनी जान गंवानी पड़ी है और करीब दस लाख लोगों को अपना ठिकाना छोड़कर शिविरों में या अन्यत्र रहना पड़ रहा है।
बड़ी संख्या में इराकी सेना के जवान भी शहीद हुए हैं। हजारों आतंकियों के मारे जाने की खबर है। इराकी सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल याह्या रसूल क अनुसार रविवार को टिगरिस नदी में तैरकर फरार होने की कोशिश कर रहे 30 आतंकी मारे गए हैं। इराकिया न्यूज चैनल ने बताया है कि सेना ने मोसुल शहर में नदी के किनारे इराकी झंडा फहरा दिया है। आइएस की मजबूत पकड़ वाला इलाका अब आजाद हो गया है। शनिवार को आइएस ने मोसुल में लड़ते हुए मरने का नारा दिया था।
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