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भारत-अमेरिका संबंध किसी से टकराव के लिए नहीं

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी घनिष्ठता को लेकर चीन और पाकिस्तान की बेचैनी पर अमेरिका ने सफाई दी है। ह्वाइट हाउस ने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध पारस्परिक हितों पर आधारित हैं, इसे किसी से टकराव के रूप में

By T empEdited By: Published: Wed, 04 Feb 2015 05:14 PM (IST)Updated: Wed, 04 Feb 2015 05:34 PM (IST)
भारत-अमेरिका संबंध किसी से टकराव के लिए नहीं

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी घनिष्ठता को लेकर चीन और पाकिस्तान की बेचैनी पर अमेरिका ने सफाई दी है। ह्वाइट हाउस ने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध पारस्परिक हितों पर आधारित हैं, इसे किसी से टकराव के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।

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ह्वाइट हाउस में दक्षिण एशियाई मामलों के वरिष्ठ अधिकारी फिल रेनर ने कहा कि भारत के साथ अमेरिका के संबंध सुधारने के प्रयास का मतलब किसी से मुकाबला करना नहीं है। उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि अमेरिका या भारत की किसी भी तरह के मुकाबले में कोई रुचि है या दोनों देशों की रुचि चीन को रोकने में है। उनकी इच्छा साथ मिलकर काम करने की है।'

रेनर ने कहा, 'हम वास्तव में यही करने के इच्छुक हैं। मैं इस मुद्दे को चीन का मुकाबला करने के रूप में अनावश्यक रूप से आगे नहीं बढ़ाऊंगा।' उन्होंने पाकिस्तान को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि ओबामा और मोदी ने क्षेत्र से जुड़े मुद्दे पर लगातार बात की है और बेशक इसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान का मुद्दा भी शामिल है।

भाजपा पर केंद्रित नहीं था ओबामा का बयान

भारत यात्रा के दौरान धर्म के आधार पर न बंटने की सलाह वाले ओबामा के बयान को लेकर भारत में मचे बवाल पर फिल रेनर ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति का बयान भाजपा पर केंद्रित नहीं था। उन्होंने कहा कि बयान पूरी तरह से लोकतांत्रिक और दोनों देशों के नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों पर आधारित था। इस बयान को गलत अर्थ में समझा गया है।

परमाणु करार अभी नीतिगत स्तर पर

भारत-अमेरिका परमाणु समझौते को लेकर रेनर ने कहा कि अभी इस संबंध में कुछ कदम उठाए जाने बाकी हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रस्तावित बीमा पूल को लेकर एक बैठक की जाएगी। अभी समझौता नीतिगत स्तर पर है। अब इसमें कोई रुकावट नहीं है और इसे परिचालन के स्तर तक ले जाना है।

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