भरारा ने उगली अमेरिकी साजिश
अमेरिकी अभियोजक प्रीत भरारा ने देवयानी खोबरागडे के खिलाफ की गई अभद्र कार्रवाई का बचाव करने की कोशिश में अमेरिकी साजिश भी उगल दी। उन्होंने स्वीकारा कि देवयानी की नौकरानी संगीता रिचर्ड के परिवार को भारत से निकाल कर अमेरिका लाया गया। इस मामले में अप्रत्याशित रूप से खुद भरारा ने ही तीन पन्नों की सफाई जारी की। भारत ने भरारा की सफाई को बिंदुवार तार-तार कर दिया है।
न्यूयॉर्क। अमेरिकी अभियोजक प्रीत भरारा ने देवयानी खोबरागडे के खिलाफ की गई अभद्र कार्रवाई का बचाव करने की कोशिश में अमेरिकी साजिश भी उगल दी। उन्होंने स्वीकारा कि देवयानी की नौकरानी संगीता रिचर्ड के परिवार को भारत से निकाल कर अमेरिका लाया गया। इस मामले में अप्रत्याशित रूप से खुद भरारा ने ही तीन पन्नों की सफाई जारी की। भारत ने भरारा की सफाई को बिंदुवार तार-तार कर दिया है। आलोचना से घिरे भरारा ने सफाई में कहा कि संगीता को चुप कराने के लिए भारत में न्यायिक प्रक्रिया शुरू की जा चुकी थी और उसे भारत लाने के प्रयास भी किए जा रहे थे। उनके अनुसार, न्याय विभाग ने पीड़िता और उसके परिवार की सुरक्षा के लिए यह कदम उठाया। देवयानी को गिरफ्तार करने के तरीके और ड्रग एडिक्ट के साथ रखने की रिपोर्ट को खारिज करते हुए भरारा ने कहा कि उन्हें उनकी बेटी के सामने गिरफ्तार नहीं किया गया। उनके साथ अच्छा व्यवहार करने के साथ ही उन्हें कॉफी की पेशकश भी की गई थी। साथ ही उन्हें फोन करने की अनुमति भी दी गई।
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भारतीय मूल के इस अमेरिकी अटॉर्नी की सफाई में इसका कहीं जिक्र नहीं है कि अमेरिकी प्रशासन ने भारतीय अदालत की ओर से संगीता के खिलाफ की जा रही कार्यवाही का संज्ञान क्यों नहीं लिया? यह सफाई इस बारे में भी खामोश है कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी प्रशासन को संगीता के खिलाफ जो शिकायतें दर्ज कराई थीं उन पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया? भारत ने भरारा पर पलटवार करते हुए उन पर भारत में चल रही कानूनी प्रक्रिया में हस्तक्षेप का आरोप लगाया है। साथ ही जोर दिया कि राजनयिक छूट पर वियना संधि का उल्लंघन करते हुए देवयानी को गिरफ्तार किया गया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि भरारा जो हुआ ही नहीं उसे पुष्ट करने जैसा बयान दे रहे हैं। इस मामले में अगर कोई पीड़ित है तो वह देवयानी हैं।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, यह समझने के बजाय कि भारत में कानूनी प्रक्रिया चल रही थी, भरारा यह बता रहे हैं कि फरार नौकरानी संगीता रिचर्ड के परिवार को अमेरिका ले जाना जरूरी क्यों था। यही नहीं वह भारत की न्याय प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। भरारा की कानून की नजर में अमीर और गरीब को बराबरी की सफाई पर प्रवक्ता ने कहा कि यह न सिर्फ आडंबरपूर्ण शब्दों का इस्तेमाल है, बल्कि अमेरिका की ओर से हुई गलती को सुधारने में भी नाकाम है।
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