Move to Jagran APP

मोसुल बांध और इरबिल के निकट अमेरिकी हमले

अमेरिकी सेना ने इरबिल और इराक के सबसे बड़े बांध के निकट आइएस आतंकियों पर हवाई हमले किए। हमले मोसुल बांध को आतंकियों के कब्जे से छुड़ाने के प्रयास में लगी कुर्द सेना को सहायता देने के उद्देश्य से किए गए , ताकि कुर्द बल इसे फिर अपने कब्जे में ले सकें। पेंटागन की ओर से कहा गया कि अमेरिका के लड

By Edited By: Published: Sun, 17 Aug 2014 09:15 PM (IST)Updated: Sun, 17 Aug 2014 09:15 PM (IST)
मोसुल बांध और इरबिल के निकट अमेरिकी हमले

वाशिंगटन। अमेरिकी सेना ने इरबिल और इराक के सबसे बड़े बांध के निकट आइएस आतंकियों पर हवाई हमले किए। हमले मोसुल बांध को आतंकियों के कब्जे से छुड़ाने के प्रयास में लगी कुर्द सेना को सहायता देने के उद्देश्य से किए गए , ताकि कुर्द बल इसे फिर अपने कब्जे में ले सकें।

loksabha election banner

पेंटागन की ओर से कहा गया कि अमेरिका के लड़ाकू विमानों और ड्रोन ने इरबिल व मोसुल बांध के नजदीक आतंकियों को लक्ष्य करते हुए सफलतापूर्वक हमले किए। बयान में कहा गया कि ये हमले इराक में मानवीय प्रयासों को सहायता देने और अमेरिकी नागरिकों एवं प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के उद्देश्य से किए गए। अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने कहा कि अब तक किए गए नौ हवाई हमलों में आतंकियों को ले जाने वाले चार वाहन, सात सशस्त्र वाहन, दो हमवीस और एक बख्तरबंद गाड़ी नष्ट कर दी गई। कमांड ने कहा कि विमान इन हमलों को अंजाम देकर सुरक्षित वापस चले गए।

दूसरी ओर आतंकियों के कहर के कारण विस्थापित यजीदी समुदाय के नागरिकों ने दोहुक शहर के बाहरी इलाके में शरण ली है। इन विस्थापित यजीदियों के मन में अपनी जान बचने की खुशी के साथ ही अपने करीबियों के खोने का दर्द भी है। शरणगाहों में सिर्फ एक वक्त के भोजन और बिना किसी चिकित्सकीय सहायता के इनका जीवन दूभर हो गया है। 25 वर्षीय यजीदी महिला हजिका ने कहा, 'इससे बेहतर होता कि हम अपने घर में मर गए होते।' उसने कहा कि हमें बच्चों के साथ घंटों पहाड़ी पर चढ़ाई करनी पड़ी। बच्चों को देने के लिए हमारे पास ना भोजन था ना पानी। हजिका ने कहा, 'अब हम यहां सुरक्षित हैं लेकिन हमारा सब कुछ छूट गया है। हमारा घर, कपड़े, पैसे, सोना सब कुछ।'

दो हफ्तों में आतंकियों ने सीरिया में की 700 की हत्या

इस्लामिक स्टेट ने पिछले दो हफ्तों में पूर्वी सीरिया के दीर अल जोर प्रांत में एक आदिवासी समुदाय के 700 सदस्यों की हत्या कर दी है। मानवाधिकार संगठन सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने यह जानकारी दी। इसके मुताबिक अल शितात आदिवासी समुदाय के मारे गए सदस्यों में ज्यादातर के सिर धड़ से अलग कर दिए गए। इस समुदाय के लोग लंबे समय से आतंकियों के साथ संघर्ष कर रहे हैं। इसीलिए आइएस आतंकियों ने इस बार इन्हें निशाना बनाया है।

पढ़ें: इराक के दूसरे सबसे बड़े शहर मोसुल पर आतंकियों का कब्जा

पढ़ें: इराकी बांध और तेल क्षेत्र पर आइएस का कब्जा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.