2016 के मार्स लैंडर के लिए अमेरिका-फ्रांस के बीच समझौता
मंगल ग्रह के अध्ययन के लिए लैंडर भेजने की यूरोपीय साझेदारी से पीछे हटने के दो साल बाद अमेरिका ने फ्रांस के साथ नए मंगल अभियान पर सहयोग करने का फैसला किया है। इस अभियान का उद्देश्य सूखे व धूल से भरे पृथ्वी के पड़ोसी ग्रह की आंतरिक स्थितियों का अध्ययन करने के लिए मानवरहित लैंडर भेजना है। इस लैंडर का नाम इनसाइट रखा गया
वाशिंगटन। मंगल ग्रह के अध्ययन के लिए लैंडर भेजने की यूरोपीय साझेदारी से पीछे हटने के दो साल बाद अमेरिका ने फ्रांस के साथ नए मंगल अभियान पर सहयोग करने का फैसला किया है।
इस अभियान का उद्देश्य सूखे व धूल से भरे पृथ्वी के पड़ोसी ग्रह की आंतरिक स्थितियों का अध्ययन करने के लिए मानवरहित लैंडर भेजना है।
इस लैंडर का नाम इनसाइट रखा गया है, जो इंटीरियर एक्सप्लोरेशन यूजिंग सिस्मिक इनवेस्टिगेशंस जियोडिसी एंड हीट ट्रांसपोर्ट का संक्षिप्त रूप है। नासा के प्रबंधक चार्ल्स बोल्डेन व नेशनल सेंटर ऑफ स्पेस स्टडीज ऑफ फ्रांस के अध्यक्ष ज्यां यवेस ले गाल ने सोमवार को इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।
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यह अभियान वर्ष 2016 में शुरू होगा और छह माह बाद मंगल ग्रह पर पहुंचेगा। इस अभियान में वैज्ञानिक उपकरणों में सहयोग करने वालों में जर्मन एयरोस्पेस सेंटर, यूनाइटेड किंगडम स्पेस एजेंसी व स्विस स्पेस ऑफिस शामिल हैं।
दो वर्ष पहले बजट की सीमाओं को देखते हुए अमेरिका ने एक्सोमार्स नाम की परियोजना पर यूरोप के साथ सहयोग समाप्त कर लिया था।
एक्सोमार्स में शामिल होते हुए रूस ने पिछले साल यूरोपियन स्पेस एजेंसी के साथ समझौता किया है। इस समझौते के तहत मंगल पर दो मानवरहित अभियान भेजे जाएंगे। मौजूदा समय में मंगल ग्रह पर नासा के दो रोवर क्यूरोसिटी व ऑपरच्युनिटी काम कर रहे हैं।
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