द. चीन सागर में जाएगा अमेरिकी पोत, चीन की भौहें तनी
अमेरिका ने अपनी ताकत प्रदर्शित करने को लेकर दक्षिण चीनी सागर में परमाणु उर्जा चलित एक विमानवाहक पोत को इस जलक्षेत्र की यात्रा पर भेजा है। अमेरिका के इस कदम से चीन के साथ उसके संबंध और तनावपूर्ण हो सकते हैं।
हो ची मिन्ह सिटी। अमेरिका ने अपनी ताकत प्रदर्शित करने को लेकर दक्षिण चीनी सागर में परमाणु उर्जा चलित एक विमानवाहक पोत को इस जलक्षेत्र की यात्रा पर भेजा है। अमेरिका के इस कदम से चीन के साथ उसके संबंध और तनावपूर्ण हो सकते हैं।
गौरतलब है कि यूएसएस जार्ज वाशिगटन के इस अभियान से चीन की भौहें तन सकती हैं। वियतनाम, फिलीपीन व कई अन्य देशों के बीच इस क्षेत्र के द्वीपों के स्वामित्व को लेकर विवाद चल रहा है।
इस कदम से चीन के साथ तनाव के बीच सशकित इन छोटे देशों को अमेरिकी सहायता आश्वासन मिलने की उम्मीद है। चीन ने दक्षिण चीन सागर पर अपने दावे को लेकर दबाव डालने के लिये अक्रामक रुख अख्तियार कर रखा है।
अमेरिका पश्चिम एशिया की बजाय एशिया को केंद्र बिंदु मानते हुये वियतनाम और क्षेत्र के अन्य देशों के साथ नजदीकी आर्थिक और सैन्य संबंध बना रहा है। चीन और अमेरिका के एक और सहयोगी देश जापान का पूर्वी चीन सागर में स्थित द्वीपों के स्वामित्व को लेकर इन दिनों काफी तनाव चल रहा है । शुक्रवार को बीजिंग ने द्वीप समूह के नजदीक सैन्य अभ्यास कर अपने दावे के समर्थन में अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया।
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