खराब मौसम का फायदा उठाने में कामयाब रहे इस्लामिक स्टेट के आतंकी
आइएस आतंकी शहर के पश्चिमी और उत्तरी मोर्चे पर लड़ रहे हैं। यहां मौसम खराब बना हुआ है और आतंकी बिगड़े मौसम का खूब फायदा उठा रहे हैं।
मोसुल, जेएनएन। इराक के मोसुल शहर में इस्लामिक स्टेट (आइएस) और इराकी गठबंधन के बीच चल रही लड़ाई में शनिवार को आतंकवादी मौसम का फायदा उठाने में कामयाब रहे। गठबंधन की ओर से लड़ रहे दो अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आइएस आतंकी शहर के पश्चिमी और उत्तरी मोर्चे पर लड़ रहे हैं। यहां मौसम खराब बना हुआ है और आतंकी बिगड़े मौसम का खूब फायदा उठा रहे हैं। बारिश और खराब मौसम में गठबंधन सेना को हवाई रास्ते से मदद नहीं मिल पा रही है। इसका फायदा उठाते हुए आइएस ने गठबंधन सेना और शिया लड़ाकों के खिलाफ अपने हमले तेज कर दिए हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि आइएस आतंकियों ने ताल अफार शहर के पश्चिम में स्थित एक गांव में शिया लड़ाकों की सुरक्षा व्यवस्था को भेद दिया। फोन पर बात करते हुए इस सैन्य अधिकारी ने बताया कि आतंकियों ने शनिवार रात गांव पर हमला किया। लड़ाई रविवार सुबह भी जारी है। हालांकि उन्होंने सैन्य कार्रवाई के बारे में कोई ब्योरा नहीं दिया।
उधर, आइएस की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि गांव पर हमले की शुरुआत आत्मघाती कार हमले से हुई। आइएस का दावा है कि इस हमले में कई शिया लड़ाके मारे गए और कई अन्य घायल हुए हैं। आइएस का यह भी कहना है कि उसने इस गांव पर कई मोर्चे से लड़ाई खोल दी है और इससे डरकर शिया लड़ाके गांव छोड़कर भाग रहे हैं।
बयान के मुताबिक, आइएस आतंकियों ने गठबंधन की ओर से लड़ रहे शिया लड़ाकों से कई हथियार भी छीन लिए हैं। इनमें हर तरह के इलाकों में चल सकने वाली 9 गाड़ियां शामिल हैं। इन गाड़ियों में मशीन गन्स लगे हैं। साथ ही, आतंकी हल्के वजन वाले सैन्य ट्रक छीनने में भी कामयाब हुए हैं। अपने दूसरे हमले में आतंकवादियों ने शनिवार रात मोसुल के दक्षिण में स्थित शिरात शहर में तैनात सुन्नी कबीले के लड़ाकों पर हमला किया। इस बात की जानकारी लड़ाकों की ओर से लड़ रहे एक अधिकारी ने दी। आइएस ने भी अभी इस हमले से जुड़ा कोई बयान जारी नहीं किया है।
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उत्तरी इराक में शनिवार की ही तरह रविवार को भी खराब मौसम बना हुआ है। कोहरे की मोटी परत के साथ-साथ बारिश और धूल भरी आंधियां भी चल रही हैं। ऐसे मौसम में इराकी गठबंधन सेना के विमान और लड़ाकू जहाज कोई गतिविधि नहीं कर पाते हैं। पिछले महीने ही शिया लड़ाकों ने ताल अफार के बाहर बनी हवाईपट्टी को आतंकियों के चंगुल से छुड़ा लिया था, लेकिन इसके बाद गठबंधन सेना की ओर से ताल अफार शहर को वापस अपने कब्जे में लेने की कोई कोशिश नहीं की गई।
बता दें कि ताल अफार और मोसुल, इन दोनों शहरों पर आइएस ने 2014 में अपना नियंत्रण स्थापित किया था। इसके बाद इराक के उत्तरी और पश्चिमी हिस्से के काफी बड़े इलाके पर उनकी पकड़ मजबूत हो गई। अक्टूबर में इराक सरकार ने मोसुल को आइएस के कब्जे से वापस हासिल करने के लिए बड़े स्तर पर सैन्य कार्रवाई शुरू की थी। राजधानी बगदाद के बाद मोसुल इराक का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। इराक में यह आखिरी शहरी ठिकाना है, जो कि आइएस के नियंत्रण में है।
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