यूएन मौसम एजेंसी ने कहा, 2016 रहा सबसे गर्म वर्ष
विश्लेषण के मुताबिक, 2016 में तापमान औद्योगिक काल के पूर्व से करीब 1.1 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया।
संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। 2016 को दुनिया में अभी तक के सबसे गर्म वर्ष के रूप में दर्ज किया गया है। बीते वर्ष में तापमान 2015 को पार कर गया। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र मौसम एजेंसी ने दी है। एजेंसी ने मानवीय कारणों से जलवायु परिवर्तन के सूचकांक में नए रिकार्ड और आकर्टिक बर्फ में हुई कमी का ब्योरा दिया है।
वैश्विक मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने सम्मिलित विश्लेषण किया है। विश्लेषण के मुताबिक, 2016 में तापमान औद्योगिक काल के पूर्व से करीब 1.1 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया। तापमान बढ़ने का यह सिलसिला जारी है।
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डब्ल्यूएमओ के महासचिव पेट्टेरी टालास ने कहा कि वैश्विक जलवायु के लिए 2016 को सबसे ज्यादा गर्म रिकार्ड किया गया। मानवीय कारणों से जलवायु परिवर्तन का दीर्घकालीन सूचकांक 2016 में नई ऊंचाई पर पहुंच गया। इसका कारण यह है कि कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन का घनत्व नए रिकार्ड पर पहुंच गया। उन्होंने बताया कि कार्बन डाइऑक्साइड के साथ ही मीथेन का घनत्व जलवायु परिवर्तन का प्रमुख कारक है।
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उन्होंने बताया, 'ग्रीनलैंड ग्लेशियर के पिघलने से समुद्र का तल बढ़ा। मार्च में पिघलना शुरू होने के समय से लेकर अक्टूबर एवं नवंबर में सामान्य जमाव की अवधि तक आर्कटिक सागर में बर्फ न्यूनतम ही रहा।' उन्होंने कहा कि वैश्विक औसत से आर्कटिक दुगना गर्म है। यहां बर्फ कम होने का दुनिया के अन्य हिस्सों में मौसम, जलवायु और समुद्री धारा की परिपाटी पर प्रभाव पड़ता है।