रासायनिक हमले को लेकर घिरे सीरियाई राष्ट्रपति असद
गृह युद्ध का सामना कर रहे सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। राजधानी दमिश्क में विद्रोहियों के ठिकानों पर रासायनिक हमले के ताजा आरोपों से असद चौतरफा घिर गए हैं। कड़ा रुख अख्तियार करते हुए संयुक्त राष्ट्र ने मांग की है कि उसके विशेषज्ञ दल को पूर्वी दमिश्क में जहरीली गैस हमला प्रभावित क्षेत्र घौटा का निरीक्षण करने की इजाजत दी जाए। अमेरिका, फ्रांस समेत अन्य पश्चिमी देशों ने इस घटना को लेकर असद पर शिकंजा कस दिया है। फ्रांस ने तो यहां तक कह दिया है कि अगर रासायनिक हमले की बात सच साबित हुई तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय सीरिया में सैन्य हस्तक्षेप कर सकता है।
संयुक्त राष्ट्र। गृह युद्ध का सामना कर रहे सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। राजधानी दमिश्क में विद्रोहियों के ठिकानों पर रासायनिक हमले के ताजा आरोपों से असद चौतरफा घिर गए हैं। कड़ा रुख अख्तियार करते हुए संयुक्त राष्ट्र ने मांग की है कि उसके विशेषज्ञ दल को पूर्वी दमिश्क में जहरीली गैस हमला प्रभावित क्षेत्र घौटा का निरीक्षण करने की इजाजत दी जाए। अमेरिका, फ्रांस समेत अन्य पश्चिमी देशों ने इस घटना को लेकर असद पर शिकंजा कस दिया है। फ्रांस ने तो यहां तक कह दिया है कि अगर रासायनिक हमले की बात सच साबित हुई तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय सीरिया में सैन्य हस्तक्षेप कर सकता है। भारत ने भी इस घटना पर चिंता जताई है। इस बीच राष्ट्रपति बशर अल असद समर्थक सेना के जंगी विमानों ने राजधानी दमिश्क के घौटा व निकटवर्ती क्षेत्रों में गुरुवार को फिर बम बरसाया। इन्हीं इलाकों में बुधवार तड़के रासायनिक हमला करने का आरोप असद की सेना पर लगा है। सीरियाई विपक्षी गठबंधन का दावा है कि सरकारी सेना के रासायनिक हमले में 1300 से अधिक लोग मारे गए हैं।
पूर्वी दमिश्क के घौटा समेत ऐन तारमा, जमाल्का और जोबार कस्बों में बुधवार को असद समर्थक सेना द्वारा विद्रोहियों पर रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के आरोपों से संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून सन्न हैं। उन्होंने अपने विशेष दूत एंजेला काने से फौरन दमिश्क पहुंचने कर विशेषज्ञ दल की मदद करने के लिए कहा है। संयुक्त राष्ट्र का एक विशेषज्ञ दल रविवार से ही सीरिया में डाले हुए है। बून ने इस दल को हमला प्रभावित क्षेत्रों में जाने की इजाजत देने के लिए राष्ट्रपति असद से कहा है। इससे पूर्व गुरुवार दिन में इस मामले को लेकर सुरक्षा परिषद की बैठक हुई। इसमें जहरीली गैस हमले को लेकर सीरिया से स्पष्टीकरण देने की मांग की गई।
जबकि सीरियाई विपक्षी गठबंधन संयुक्त राष्ट्र की इस पहल से खुश नहीं नजर आ रहा था। उसने मौके पर जांच करने की मांग की। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार मामलों के प्रमुख नवी पिल्ले ने भी संयुक्त राष्ट्र दल से जांच कराने का आग्रह किया। इसके बाद ही बून ने कड़ा कदम उठाते हुए जांच दल को मौका मुआइना करने की अनुमति देने की बात उठाई। अमेरिका ने भी रासायनिक हमले के आरोपों पर गहरी चिंता जताई है। ह्वाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र जांच दल की रिपोर्ट आने के बाद ही अमेरिका अपने अगले कदम की घोषणा करेगा। जबकि ब्रिटेन का तो साफ कहना है कि सीरियाई जनता को बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को हस्तक्षेप करना ही होगा।
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