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विद्रोहियों के तेवर से लड़खड़ाया यूक्रेन में शांति समझौता

पिछले हफ्ते ही यूक्रेन में किसी बड़े टकराव को टालने के लिए हुआ जेनेवा समझौता लड़खड़ाने लगा है। मॉस्को समर्थक अलगाववादी विद्रोहियों ने कब्जाए सरकारी भवनों को मुक्त करने के कोई संकेत नहीं दिए हैं। वाशिंगटन ने कहा कि अलगाववादी अगर सरकारी भवनों को मुक्त नहीं करते तो मॉस्को को जिम्मेदार माना जाएगा अ

By Edited By: Published: Tue, 22 Apr 2014 10:06 AM (IST)Updated: Tue, 22 Apr 2014 11:46 AM (IST)
विद्रोहियों के तेवर से लड़खड़ाया यूक्रेन में शांति समझौता

यूक्रेन। पिछले हफ्ते ही यूक्रेन में किसी बड़े टकराव को टालने के लिए हुआ जेनेवा समझौता लड़खड़ाने लगा है। मॉस्को समर्थक अलगाववादी विद्रोहियों ने कब्जाए सरकारी भवनों को मुक्त करने के कोई संकेत नहीं दिए हैं।

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वाशिंगटन ने कहा कि अलगाववादी अगर सरकारी भवनों को मुक्त नहीं करते तो मॉस्को को जिम्मेदार माना जाएगा और नए आर्थिक प्रतिबंध लगाने पर विचार किया जाएगा। अमेरिका, रूस के राष्ट्रपति पुतिन के विदेश स्थित खातों पर प्रतिबंध लगाने पर भी विचार कर रहा है। पूर्वी यूक्रेन में इन सरकारी भवनों पर अलगाववादियों ने पिछले दो हफ्ते से कब्जा किया हुआ है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जो बिडेन सोमवार देर शाम कीव में थे। कीव और मॉस्को ईस्टर संडे की सुबह हुई गोलीबारी के लिए एक दूसरे पर दोष मढ़ रहे हैं। इस गोलीबारी में सशस्त्र अलगाववादियों वाले एक चेक प्वाइंट पर कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई। मॉस्को और इसके अलगाववादियों का आरोप है कि यूक्रेन के राष्ट्रवादियों ने चेक प्वाइंट पर हमला किया था। कीव का आरोप है कि रूस की ओर से हिंसा भड़काई गई।

वहीं एक अन्य घटनाक्रम में यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रविवार देर शाम मोटरसाइकिल पर सवार बंदूकधारियों ने डोनेटस्क और स्लावायांस्क के बीच सेना के चेक प्वाइंट पर हमला किया। जवाब में सैनिकों ने गोलियां चलाई जिसमें एक हमलावर घायल हो गया और दो अन्य पकड़ में आए।

मालूम हो, 17 अप्रैल को जेनेवा में रूस, यूक्रेन, यूरोपीय संघ और अमेरिका के बीच तनाव कम व शांति कायम करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। इसके तहत यूरोप में ऑर्गनाइजेशन फॉर सिक्योरिटी एंड कॉरपोरेशन के प्रतिनिधियों के तत्वावधान में कब्जाए गए भवनों को मुक्त कराने पर सहमति बनी थी। सभी पक्षों ने सेना के इस्तेमाल से परहेज करने पर भी सहमति जताई थी। हालांकि समझौते के बाद से ही दोनों पक्ष एक दूसरे पर समझौता तोड़ने का आरोप लगा रहे हैं। मॉस्को समर्थित विद्रोहियों का कहना है कि भवन खाली करने का समझौता उन पर लागू नहीं होता। रूस के विदेश मंत्री सर्जेई लावरोव ने अलगाववादियों के चेक प्वाइंट पर हमले को अपराध करार दिया है।

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