एच-1बी वीजा जालसाजी में फंसे दो भारतीय-अमेरिकी
दोष सिद्ध होने पर 46 वर्षीय जयवेल मुरुगन और 40 वर्षीय सैयद नवाज को 20 वर्ष कैद की सजा भुगतनी पड़ सकती है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। दो भारतीय-अमेरिकी एच-1बी वीजा हासिल करने में जालसाजी करने के आरोपी बनाए गए हैं। अमेरिका की एक फेडरल कोर्ट ने संकेत दिया है कि भारतीय टेक्नोलाजी पेशेवरों के लिए एच-1बी वीजा हासिल करने में आरोपियों ने जाली दस्तावेज इस्तेमाल किया।
दोष सिद्ध होने पर 46 वर्षीय जयवेल मुरुगन और 40 वर्षीय सैयद नवाज को 20 वर्ष कैद की सजा भुगतनी पड़ सकती है। दोनों को 250,000 अमेरिकी डॉलर जुर्माना भरना पड़ सकता है या अदालत उन्हें कैद के साथ ही जुर्माने भरने की भी सजा सुना सकती है।
फ्रेंमॉन्ट की डायनासॉफ्ट सेनर्जी में मुरुगन मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। फेडरल अभियोजक ने आरोप लगाया है कि मुरुगन और नवाज ने भारतीय टेक्नोलाजी पेशेवरों के लिए एच-1बी वीजा हासिल करने में जाली दस्तावेज का इस्तेमाल किया है। दोनों इस तरह की गतिविधि में 2010 से 2016 के बीच शामिल थे।
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