विरोध के बावजूद तुर्की में भेज रहा है इराक अपने सैनिक
आतंकी संगठन आइएसआइएस के खिलाफ लड़ाई को लेकर इराक और तुर्की के बीच गलतफहमियां पैदा हो गई हैं। दरअसल तुर्की ने आइएसआइएस के खिलाफ लड़ाई के लिए अपने सैकड़ों सैनिकों को उत्तरी इराक के बशिक सैन्य कैंपों में भेज दिया है। लेकिन इराक की सरकार का कहना है कि उसने
नई दिल्ली। आतंकी संगठन आइएसआइएस के खिलाफ लड़ाई को लेकर इराक और तुर्की के बीच गलतफहमियां पैदा हो गई हैं। दरअसल तुर्की ने आइएसआइएस के खिलाफ लड़ाई के लिए अपने सैकड़ों सैनिकों को उत्तरी इराक के बशिक सैन्य कैंपों में भेज दिया है। लेकिन इराक की सरकार का कहना है कि उसने कभी आइएसआइएस के खिलाफ जंग में तुर्की की मदद नहीं मांगी है।
इस मामले पर तुर्की के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उत्तरी इराक के नीनवे प्रांत के बेस कैंप में अपने सैनिकों की तैनाती जारी रखेगा। तुर्की के विदेश मंत्रालय के मुताबिक इराक के बशिक सैन्य कैंप पर सैनिकों की तैनाती को लेकर इराक से बातचीत स्पष्ट नही हो पाई है। इसलिए तुर्की सरकार ने अपने सैनिकों की तैनाती जारी रखने का फैसला किया है।
तुर्की सरकार ने अपने बयान में कहा कि आतंकी संगठन आइएसआइएस के खिलाफ लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय संगठन का सदस्य होने के की वजह से इराक के साथ मिलकर तुर्की आतंकी संगठनों के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार है और अंकारा ने महीने की शुरूआत में ही अपने सैकड़ो सैनिकों को बशिक सैन्य कैंप पर भेज दिया है।
तुर्की ने अपने बयान में कहा है कि इन सैनिकों को विशेष रूप से आइएसआइएस के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार किया गया है और ये सैनिक आइएसआइएस के खिलाफ अंतराष्ट्रीय मिशन में तुर्की की तरफ से लड़ेगे। लेकिन इराक ने तुर्की के इस कदम का विरोध किया है। इराक की सरकार का कहना है कि उसने आइएसआइएस के खिलाफ कभी भी तुर्की से किसी तरह की सैन्य मदद नहीं मांगी है।
इराक के विरोध के बावजूद सोमवार को भी तुर्की से 10 ट्रकों में सैनिक बशिक कैंप पर आए है इसी तरह बाकी के ट्रक इराक की दूसरी जगहों पर भी जा रहे है।
पढ़ें- बगदादी को खलीफा मानने से पाकिस्तान तालिबान का इन्कार