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उत्तरी जापान में भूकंप के तेज झटके के बाद सुनामी की चेतावनी

भूकंप का केन्द्र फुकुशिमा के तट के पास समुद्र में करीब 10 किलोमीटर नीचे बताया गया है।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Tue, 22 Nov 2016 05:30 AM (IST)Updated: Tue, 22 Nov 2016 10:16 AM (IST)
उत्तरी जापान में भूकंप के तेज झटके के बाद सुनामी की चेतावनी

टोक्यो, जेएनएन। उत्तरी जापान में मंगलवार को तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए है। भूकंप के झटके के बाद सुनामी का अलर्ट जारी कर दिया गया है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.3 मापी गई है। भूकंप स्थानीय समय के अनुसार सुबह 5.59 बजे आया था। भूकंप का केन्द्र फुकुशिमा के तट के पास समुद्र में करीब 10 किलोमीटर नीचे बताया गया है।

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भूकंप के बाद फुकुशिमा में टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी न्यूक्लियर प्लांट की जांच कर रही है कि रिएक्टर को कोई नुकसान पहुंचा है या नहीं। मेट्रोलॉजिकल एजेंसी ने फुकुशिमा के लिए सुनामी अलर्ट जारी किया है। सुनामी आई तो करीब 3 मीटर यानी 10 फुट ऊंची लहरें उठ सकती हैं।

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क्या है सुनामी ?

समुद्री तूफ़ान - को जापानी भाषा में सुनामी कहते हैं। दरअसल ये बहुत लंबी और सैकड़ों किलोमीटर चौड़ाई वाली लहरें होती हैं। लहरों के निचले हिस्सों के बीच का फासला सैकड़ों किलोमीटर का होता है।जब ये तट के पास आती हैं, तो लहरों का निचला हिस्सा ज़मीन को छूने लगता है, इनकी गति कम हो जाती है और ऊंचाई बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में जब ये तट से टक्कराती हैं तो लहरों की गति 420 किलोमीटर प्रति घण्टा तक और ऊंचाई 10 से 18 मीटर तक हो जाती है। अक्सर समुद्री भूकंपों की वजह से ये तूफ़ान पैदा होते हैं। प्रशान्त महासागर में बहुत आम हैं, पर बंगाल की खाड़ी, हिन्द महासागर व अरब सागर में नहीं। इसीलिए शायद भारतीय भाषाओं में इनके लिए विशिष्ट नाम नहीं है।

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सुनामी से असर

सुनामी लहरें समुद्री तट पर भीषण तरीके से हमला करती हैं और जान-माल का बुरी तरह नुक़सान कर सकती है। इनकी भविष्यवाणी करना मुश्किल है। जिस तरह वैज्ञानिक भूकंप के बारे में भविष्य वाणी नहीं कर सकते वैसे ही सूनामी के बारे में भी अंदाज़ा नहीं लगा सकते। लेकिन सूनामी के अब तक के रिकॉर्ड को देखकर और महाद्वीपों की स्थिति को देखकर वैज्ञानिक कुछ अंदाज़ा लगा सकते हैं। धरती की जो प्लेट्स या परतें जहां -जहां मिलती है वहां के आसपास के समुद्र में सुनामी का खतरा ज्यादा होता है।

जैसे आस्ट्रेलियाई परत और यूरेशियाई परत जहा मिलती हैं वहां स्थित हैं। सुमात्रा जो कि दूसरी तरफ फिलीपीन परत से जुड़ा हुआ है। सुनामी लहरों का कहर वहा भयंकर रूप में नजर आता है।

अब तक आए सुनामी से कहर

हिन्द महासागर (26 दिसमबर, 2004) - 9.3 तीव्रता के भूकम्प के चलते हिन्द महासागर का सीना सुनामी से दहल गया। सुमात्रा इस भूकम्प का केन्द्र था। 30 मीटर तक ऊँची उठी लहरों ने विनाश का ऐसा ताण्डव मचाया कि, मानवता कांप उठी। इस सुनामी के कारण 14 देश प्रभावित हुए। सर्वाधिक प्रभावित होने वाले देशों में भारत, इण्डोनेशिया, श्रीलंका और थाइलैण्ड आदि प्रमुख थे और इसमें मरने वालों की संख्या क़रीब ढाई लाख थी।

इंडोनेशिया (2006) - इण्डोनेशिया के जावा प्रायद्वीप में 7.7 तीव्रता की भूकम्प जनित सुनामी की वजह से 654 लोग मारे गए थे।


सोलोमन प्रायद्वीप (2007) - पश्चिमी सोलोमन प्रायद्वीप में 8.0 तीव्रता के भूकम्प से सुनामी पैदा हो गई। जिसकी चपेट में आकर 52 लोग मारे गए थे।


समोआ (2009) - सओआ में रिक्टर पैमाने पर 8.0 तीव्रता के भूकम्प और सुनामी के कारण 190 लोग मारे गए थे।


चिली (2010) - चिली में 8.8 तीव्रता के भूकम्प से उपजी सुनामी के कारण क़रीब 600 लोग मारे गए थे।


इंडोनेशिया (2010) - सुप्रामा प्रायद्वीप में 7.7 तीव्रता के भूकम्प और सुनामी की वजह से 112 लोग मारे गए और 500 लोग लापता हो गए।


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