मुस्लिमों पर प्रतिबंध वाला आदेश वापस नहीं लेंगे ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह यात्रा प्रतिबंध बड़े कानूनी परीक्षण का सामना कर रहा है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। ह्वाइट हाउस ने सात मुस्लिम राष्ट्रों के नागरिकों पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंध के शासकीय आदेश को वापस लेने की किसी भी संभावना से इन्कार किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह यात्रा प्रतिबंध बड़े कानूनी परीक्षण का सामना कर रहा है। इस मामले में अंतिम निर्णय से पहले अपीलीय अदालत ने दोनों पक्षों को अपना पक्ष दायर करने को कहा है।
गत शुक्रवार को एक संघीय अदालत ने यात्रा प्रतिबंध पर अस्थायी रोक लगा दी थी। ह्वाइट हाउस ने अपीलीय अदालत में इसे चुनौती दी है। उसे इस मुकदमे को जीतने का पक्का यकीन है। ह्वाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने यह विश्वास जताया। उन्होंने पत्रकारों से कहा, 'कानून साफतौर पर राष्ट्रपति के साथ है। संविधान राष्ट्रपति के साथ है। जनता की सुरक्षा के लिए जो कुछ हमारे देश के हित में है, उसके बारे में राष्ट्रपति एक व्यापक समझ रखते हैं। हमें यकीन है कि इस मामले में जीत हमारी होगी।'
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सीन ने कहा, 'शासकीय आदेश जारी कर राष्ट्रपति ने अपने अधिकार का वैध उपयोग किया है। यह अमेरिकी लोगों के सर्वोच्च हित के लिए है। राष्ट्रपति की पहली प्राथमिकता देश के लोगों की सुरक्षा करना है।'
प्रतिबंध को 16 अटॉर्नी जनरलों ने चुनौती दी
डोनाल्ड ट्रंप के आव्रजन प्रतिबंध के खिलाफ देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच 16 अटॉर्नी जनरलों ने भी इसके खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने प्रतिबंध को 'भेदभावपूर्ण' करार देते हुए इसे असंवैधानिक और गैर-अमेरिकी बताया है। ट्रंप ने सात मुस्लिम राष्ट्रों ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध वाले शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए थे।
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हालांकि सिएटल की संघीय अदालत ने इसके क्रियान्वयन पर अस्थायी रोक लगा दी है। ट्रंप प्रशासन ने रोक के आदेश को यूएस सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स (नौवीं) में चुनौती दी है। यहां 16 प्रांतों के अटॉर्नी जनरलों ने भी शासकीय आदेश के खिलाफ न्यायमित्रों की राय दाखिल की है। न्यूयॉर्क के अटॉर्नी जनरल एरिक श्निडरमैन ने प्रतिबंध को असंवैधानिक, गैर कानूनी और मूलरूप से गैर अमेरिकी करार दिया है।