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बंदूक के पैरोकारों से हिलेरी को रोकने की अपील कर फंसे ट्रंप

बंदूक के पैरोकारों से डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन को रोकने की ट्रंप की अपील पर कई सांसदों और सुरक्षा विशेषज्ञों ने आपत्ति जताई है।

By anand rajEdited By: Published: Wed, 10 Aug 2016 05:45 PM (IST)Updated: Wed, 10 Aug 2016 06:03 PM (IST)
बंदूक के पैरोकारों से हिलेरी को रोकने की अपील कर फंसे ट्रंप

वाशिंगटन (प्रेट्र)। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप का विवादों से पीछा ही नहीं छूूट रहा। अब बंदूक के पैरोकारों से अपनी डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन को रोकने की अपील कर वे फंसते नजर आ रहे हैं। कई सांसदों, सुरक्षा विशेषज्ञों और मीडिया ने इसे हिलेरी की हत्या की धमकी जैसा बताया है। हालांकि ट्रंप ने इसे खारिज करते हुए कहा है कि उनके कहने का तात्पर्य वोट की ताकत से हिलेरी को रोकने से था।

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नॉर्थ केरोलिना के विलमिंग्टन में मंगलवार को एक रैली को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि हिलेरी यदि राष्ट्रपति बनीं तो वे दूसरे संशोधन को पूरी तरह भले ही खत्म नहीं करें, लेकिन कमजोर जरूर करेंगी। ऐसा वे सुप्रीम कोर्ट के जजों के जरिए करेंगी। इसके लिए पहले वह अपने पसंद के जजों का चुनाव करेंगी। ऐसी सूरत में आप कुछ नहीं कर सकेंगे।

उल्लेखनीय है कि संविधान का दूसरा संशोधन लोगों को बंदूक रखने का अधिकार देता है। हिलेरी के चुनाव प्रचार प्रबंधक रॉबी मूक ने इसे खतरनाक बताया है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति राष्ट्रपति बनने की सोच रहा है वह किसी भी सूरत में हिंसा की बात नहीं कर सकता। सीआइए के पूर्व निदेशक माइकल हेडन ने सीएनएन को बताया कि यदि ट्रंप राष्ट्रपति उम्मीदवार नहीं होते तो इस बयान के लिए सीक्रेट सर्विस उनसे पूछताछ कर रही होती।

अमेरिकी राष्ट्रपति और शीर्ष पद के उम्मीदवारों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीक्रेट सर्विस पर ही होती है। सीनेटर क्रिस मर्फी, कांग्रेस के भारतवंशी सदस्य एमी बेरा सहित कई सांसदों ने इस बयान की कड़ी निंदा की है। वाशिंगटन पोस्ट और न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे बड़े अखबारों ने संपादकीय लिखकर एतराज जताया है।

गौरतलब है कि हिलेरी को धूर्त, कुटिल, भ्रष्टाचार की महारानी, आइएस की संस्थापक जैसे विशेषण से नवाज चुके ट्रंप इससे पहले रूस को अपने विरोधी उम्मीदवार का ई-मेल हैक करने का निमंत्रण भी दे चुके हैं।

हथियारों की राजनीति

अमेरिका में बंदूक हिंसा का लंबा इतिहास रहा है। बीते साल ऐसी छोटी-बड़ी करीब तीन सौ घटनाएं हुई थी। राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनकी डेमोक्रेटिक पार्टी बंदूकों की बिक्री पर नियंत्रण के पक्ष में है। दूसरी ओर, रिपब्लिकन पार्टी विरोध में। नेशनल राइफल एसोसिएशन सहित अन्य गन लॉबी संगठन चुनाव में ट्रंप का समर्थन कर रहे हैं।

चाहते हैं बड़ी बहस

ट्रंप ने हिलेरी के साथ एक बड़ी बहस की इच्छा जताई है। हालांकि इससे पहले वे राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच होने वाली बहस के नियम और कायदों से रूबरू होना चाहते हैं। बहस 26 सितंबर, नौ अक्टूबर और 19 अक्टूबर को होनी है। ये बहस उम्मीदवार का भविष्य तय करने में निर्णायक साबित होती हैं। ट्रंप ने टाइम से बातचीत में कहा कि वे निश्चित तौर पर तीनों बहस में भाग लेंगे। इससे पहले उन्होंने बहस की तारीखों पर सवाल उठाते हुए बहिष्कार करने के संकेत दिए थे।

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