पीएलए व भारतीय कमांडरों के बीच वार्ता
चीन की यात्रा पर आए भारतीय सेना की उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने यहां प्रमुख रक्षा अधिकारियों के साथ वार्ता की।
बीजिंग। चीन की यात्रा पर आए भारतीय सेना की उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने यहां प्रमुख रक्षा अधिकारियों के साथ वार्ता की। वार्ता का मुख्य जोर आतंकवाद से मुकाबला और लद्दाख सीमा पर शांति बनाए रखना रहा।
लद्दाख सीमा पर चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) कई बार अतिक्रमण कर चुकी है। इससे पहले हुड्डा के पूर्ववर्ती प्रमुख अधिकारी को चीन ने वीजा नहीं दिया था। लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा की अध्यक्षता में 14 दिसंबर को छह दिनों के दौरे पर पहुंचा छह सदस्यीय दल भारत-चीन सीमा की देखरेख करने वाले सैन्य कमान केंद्रों का भी दौरा करेगा।
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इस दल में शामिल सभी शीर्ष अधिकारी हुड्डा की कमान के हैं और सभी अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ बातचीत करने आए हैं। भारतीय दूतावास ने बुधवार को बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा ने पीएलए मुख्यालय में मंगलवार को डिप्टी चीफ ऑफ जनरल स्टाफ जनरल कि जिआंगुओ के साथ बातचीत की।
पक्षों ने सीमा पर शांति और टकराव रहित स्थिति सुनिश्चित करने पर बल दिया। चीन के दौरे पर जाने वाले हुड्डा पहले उत्तरी एरिया कमांडर हैं। बीजिंग लगातार उनके पूर्व के अधिकारियों को वीजा देने से मना करता रहा। हुड्डा के पूर्ववर्ती अधिकारी ले. जनरल बीएस जायसवाल को 2010 में वीजा नहीं दिया गया था।
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वीजा नहीं देने के पीछे जम्मू एवं कश्मीर को उनके एरिया में शामिल बताया गया था। उन्हें वीजा नहीं देने के कारण दोनों देशों के बीच कूटनीतिक विवाद पैदा हो गया था।
जम्मू एवं कश्मीर को विवादित बताते हुए चीन ने वहां के निवासियों को स्टैपल्ड वीजा बहाल कर दिया था जिसका भारत ने कड़ा विरोध किया था। इसके जवाब में नई दिल्ली ने भी सेना से सेना के बीच संबंध निरस्त कर दिया था।