इडलिब प्रांत में सीरिया की सेना ने ही किया था रासायनिक हमला
यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक, जांच टीम का मानना है कि सीरियाई सेना के एक सुखोई-22 लड़ाकू विमान ने 4 अप्रैल को खान शेखौन में चार हवाई हमले किए थे।
यूरूस्लाम, रायटर। सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार ने भले ही रासायनिक हथियारों से हमला करने के आरोपों से इनकार किया था, लेकिन संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट कहती है कि ये हमला उन्हीं ने कराया था। सीरियाई सरकार का कहना है कि साल 2013 के समझौते के बाद उसके पास कोई रासायनिक हथियार ही नहीं हैं।
संयुक्त राष्ट्र की एक जांच टीम ने सीरिया के इडलिब प्रांत में जहरीली गैस के हमले के पीछे सीरियाई सेना का हाथ बताया है। खबरों के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र के युद्ध अपराध जांचकर्ताओं ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 4 अप्रैल को इडलिब प्रांत के कस्बे खान शेखौन में जहरीली सरीन गैस का हमला सीरियाई वायुसेना ने किया था। इसमें 31 बच्चों सहित 87 लोग मारे गए थे और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
इधर एक खबरों के मुताबिक, सीरिया के रक्का में बीते 3 महीनों में अमेरिका के नेतृत्व में किए गए हवाई हमलों में 978 नागरिकों की मौत हुई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने ब्रिटेन की मानवाधिकार संस्था सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के हवाले से बताया कि मृतकों में 234 बच्चे और 163 महिलाएं हैं।
यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक, जांच टीम का मानना है कि सीरियाई सेना के एक सुखोई-22 लड़ाकू विमान ने 4 अप्रैल को खान शेखौन में चार हवाई हमले किए थे। जांच रिपोर्ट बम के टुकड़ों की तस्वीरों, सेटेलाइट से मिली तस्वीरों और प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही के आधार पर तैयार की गई है। इस रिपोर्ट में जांचकर्ताओं ने मार्च 2013 के बाद 23 दूसरे रासायनिक हमलों के लिए भी सीरियाई सेना को जिम्मेदार ठहराया है।
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