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एक देश ऐसा भी जो बिजली उत्पादन के लिए दूसरे देशों से खरीद रहा है कूड़ा

स्वीडन ने पिछले साल सिर्फ 1 प्रतिशत कूड़े को ही जमीन में दबाया और बाकी के कूड़े को अपनी ऊर्जा की जरूरतों पूरा करने के लिए रीसायकल किया।

By Lalit RaiEdited By: Published: Mon, 12 Dec 2016 02:59 AM (IST)Updated: Mon, 12 Dec 2016 06:10 AM (IST)
एक देश ऐसा भी जो बिजली उत्पादन के लिए दूसरे देशों से खरीद रहा है कूड़ा

नई दिल्ली(पीटीआई)। कूड़े की समस्या से निपटारा पाने के लिए भारत में चिंतन चलता रहता है। केंद्र सरकार और राज्य सरकारें इस समस्या से निजात पाने के लिए बड़े बड़े वादे और दावे करती हैं। लेकिन सच ये है कि जमीन पर कुछ खास नजर नहीं आता है। अदालतों की फटकार सुनने के बाद सरकार कार्रवाई की बात करती है।लेकिन नतीजा किसी से छिपा नहीं है। वहीं दुनिया का एक ऐसा देश भी है जहां कूड़े की कमी चल रही है।

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स्वीडन में कूड़े की कमी

स्वीडन में इन दिनों कूड़े की कमी चल रही है। इस कमी को पूरा करने के लिए वह दूसरे देशों से कूड़ा खरीदकर बिजली पैदा करने की जरूरत पूरी कर रहा है। पर्यावरण का ख्याल रखने में दुनिया के अग्रणी देशों मे स्वीडन का शुमार है। वह कूड़े का आयात अपने 'स्टेट ऑफ द आर्ट प्लांट' को चालू रखने के लिए कर रहा है। दरअसल यहां ज्यादा ठंड पड़ने के दौरान कूड़े को जलाकर राष्ट्रीय हीटिंग नेटवर्क के लिए इस्तेमाल की जाती है, जिससे अत्यधिक ठंड में यहां के घरों का तापमान रहने के अनुकूल रखा जा सके।

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कूड़े का हो रहा है आयात

स्वीडन में ऐसा सिस्टम बनाया गया है, जिससे ठंड के दिनों में एक ही प्लांट सैकड़ों घरों का तापमान एक साथ बढ़ाने का काम कर सके। बड़े-बड़े पाइपलाइन से उष्मा(हीट) को घरों तक पहुंचाया जाता है। हीट पैदा करने के लिए कूडे़ का इस्तेमाल किया जाता है। स्वीडन सरकार ने ऐसी नीति बना रखी है, जिसके तहस ठंड के दिनों में यहां की प्राइवेट कंपनियों को भी वेस्ट और जलने वाला कूड़े का आयात करना होता है। स्वीडन अपने देश का कूड़ा जमीन में न के बराबर ही दबाता है।

99 फीसद कूड़े का इस्तेमाल

पिछले साल उसके सिर्फ 1 प्रतिशत कूड़े को ही जमीन में दबाया और बाकी के कूड़े को अपनी ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने में लगाया। स्वीडन दुनिया का पहला ऐसा देश है, जिसने जीवाश्म ईंधन(पेट्रोल-डीजल) के आयात पर 1991 में सबसे ज्यादा टैक्स लगाए। यहां ऊर्जा की जरूरतों के लिए ज्यादातर प्रयोग ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों से होता है।

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स्वीडिश मैनेजमेंट रीसाइकलिंग का तर्क

स्वीडिश मैनेजमेंट रीसाइकलिंग असोसिएशन की निदेशक ऐना कैरिन ग्रिपवाल के मुताबिक, उनकी संस्था ने लोगों को सालों से इस बात को लेकर प्रेरित किया कि वे ऐसी चीजों को कतई बाहर न फेकें, जो रिसाइकल या रीयूज हो सकें। स्वीडिश लोग प्राकृति के तौर-तरीकों में रहना और पर्यावरण के प्रति खासे जागरूक रहते हैं। इसी के आधार पर हीटिंग के लिए हमने इस डिस्ट्रिक्ट नेटवर्क को तैयार किया है।

यूरोप के दक्षिणी हिस्से में लोग हमारी तरह इस प्रकार कूड़े का प्रयोग नहीं करते हैं। वे केवल चिमनी का इस्तेमाल करते हैं। हम जीवाश्म ईंधन के सब्सिट्यूट के रूप में कूड़े का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूरोपियन यूनियन के देशों में कूड़े को जमीन में दबाने पर प्रतिबंध है, तो कूड़े के निदान के लिए जुर्माना भरने से अच्छा है कि वह इसे हमें सेवा के रूप में दे दें।

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