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लिट्टे को मिल रही आर्थिक सहायता रोकने में मदद करे ईयू

कोलंबो। श्रीलंका ने कहा है कि यूरोपीय संघ (ईयू) को इस बात की निगरानी करनी चाहिए कि लिट्टे के मुखौटा संगठन उसे सहायता राशि उपलब्ध नहीं करा सकें। श्रीलंका के विदेश मंत्री जीएल पेइरिस ने अपने देश के दौरे पर आए ईयू सांसदों की छह सदस्यीय टीम से वार्ता के दौरान इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया।

By Edited By: Published: Sat, 20 Jul 2013 08:03 PM (IST)Updated: Sat, 20 Jul 2013 08:36 PM (IST)
लिट्टे को मिल रही आर्थिक सहायता रोकने में मदद करे ईयू

कोलंबो। श्रीलंका ने कहा है कि यूरोपीय संघ (ईयू) को इस बात की निगरानी करनी चाहिए कि लिट्टे के मुखौटा संगठन उसे सहायता राशि उपलब्ध नहीं करा सकें। श्रीलंका के विदेश मंत्री जीएल पेइरिस ने अपने देश के दौरे पर आए ईयू सांसदों की छह सदस्यीय टीम से वार्ता के दौरान इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया।

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पेइरिस ने इस मौके पर यूरोपोल की इस साल की टेरेरिस्ट सिचुएशन एंड ट्रेंड रिपोर्ट का हवाला दिया। इसमें कहा गया है कि ंलिट्टे अब भी सक्रिय है और विभिन्न देशों में विशेष समुदाय से आर्थिक लाभ हासिल कर रहा है। ईयू ने लिट्टे को 2007 में आतंकी संगठन घोषित कर दिया था। पेइरिस ने कहा कि ईयू के प्रतिनिधि श्रीलंका सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यो को खुद देख रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल ने तमिल बहुल उत्तरी इलाके में सितंबर में होने वाले प्रांतीय परिषद के चुनावों को शांतिपूर्ण माहौल में कराए जाने की अपील की है।

भारत सहित ईयू के अधिकांश देशों ने हाल ही में श्रीलंका के खिलाफ तमिलों के मुद्दे पर अमेरिका द्वारा प्रायोजित प्रस्ताव के संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पारित हो जाने का स्वागत किया है। इस प्रस्ताव में श्रीलंका सरकार से मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों की स्वतंत्र एवं विश्वसनीय जांच कराने का आग्रह किया गया है।

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