ट्रंप के आव्रजन नीतियों की दक्षिण एशिया समूह ने की मुखालफत
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मुस्लिम बहुल देशों संबंधी आव्रजन प्रक्रिया पर रोक लगाने की, अब दक्षिण एशिया का एक मानवाधिकार समूह भी निंदा कर रहा है।
वाशिंगटन (पीटीआइ)। दक्षिण एशिया का एक मानवाधिकार समूह अमेरिकी राष्ट्रपति के शासकीय आदेश की मुखालफत जिसमें उन्होंने मुस्लिम बहुल देशों संबंधी आव्रजन प्रक्रिया पर रोक लगाने को कहा गया है। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया है कि अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले करीब 450,000 भारतीय प्रवासियों को प्राधिकारियों द्वारा निशाना बनाया जा सकता है।
समूह ने कहा कि मैक्सिको, अल सल्वाडोर और ग्वाटेमाला के बाद अमेरिका में बिना दस्तावेजों के निवास करने वाली चौथी सबसे बड़ी आबादी भारतीय है। गृह सुरक्षा विभाग ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के गैरकानूनी प्रवासियों संबंधी शासकीय आदेश को लागू करने के लिए दो विस्तृत विज्ञापन जारी किए थे जिसके एक दिन बाद समूह ने यह बात कही।
साउथ एशियन अमेरिकन लीडिंग टूगेदर एसएएएलटी ने बुधवार को कहा कि यह विज्ञापन आगे दक्षिण एशियाई और सभी प्रवासी समुदायों का दर्जा और गिराते हुए उन्हें द्वितीय श्रेणी के नागरिक के तौर पर दिखाएगा और यह अमेरिका के उस दावे पर भी सवाल खड़े करता है जिसमें वह अमेरिका को प्रवासियों के लिए सर्वोत्कृष्ट देश बताता है।
एसएएलटी की कार्यकारी निदेशक सुमन रघुनाथन ने कहा, राष्ट्रपति की प्रवासी विरोधी नीतियों का पैमाना बहुत चरम है और एेसा प्रतीत होता है कि नया प्रशासन उन आदेशों के जरिए प्रवासी समुदायों को निशाना बनाने और उनको बदनाम करने पर तुला है जो सक्रिय रूप से सुरक्षा को कमजोर और कानून प्रवर्तन में जनता का विश्वास कम करता है।
यह भी पढ़ें: ट्रंप प्रशासन के इस फैसले से तीन लाख भारतीयों पर गिर सकती है गाज
यह भी पढ़ें: ट्रंप की अप्रवास नीति 3 लाख भारतीय-अमेरिकियों को कर सकते हैं प्रभावित