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करजई को हटाने की शर्त पर वार्ता को तैयार तालिबान

लंदन। तालिबान को अफगानिस्तान में लंबे समय तक अमेरिकी की उपस्थिति मंजूर है, लेकिन राष्ट्रपति हामिद करजई की नहीं। अगर करजई सरकार को हटा दिया जाता है तो इस शर्त पर तालिबान अमेरिका के साथ शांति वार्ता करने के लिए राजी है।

By Edited By: Published: Mon, 10 Sep 2012 03:16 PM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2012 06:14 PM (IST)
करजई को हटाने की शर्त पर वार्ता को तैयार तालिबान

लंदन। तालिबान को अफगानिस्तान में लंबे समय तक अमेरिकी की उपस्थिति मंजूर है, लेकिन राष्ट्रपति हामिद करजई की नहीं। अगर करजई सरकार को हटा दिया जाता है तो इस शर्त पर तालिबान अमेरिका के साथ शांति वार्ता करने के लिए राजी है।

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तालिबान की स्थापना में अहम भूमिका निभाने वाले एक नेता ने कहा है कि वे अलकायदा से रिश्ता तोड़ने के लिए भी तैयार हैं। शांति वार्ता के तहत लड़कियों की शिक्षा को लेकर भी वे लचीला रवैया अपनाएंगे। ब्रिटेन के 'गार्जियन' अखबार ने रॉयल यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूट में प्रकाशित होने वाली एक रिपोर्ट के हवाले से यह खबर प्रकाशित की है। इसमें कहा गया है कि तालिबान शांति वार्ता से पहले युद्धविराम कर सकते हैं लेकिन किसी भी सूरत में इसे आत्मसमर्पण जैसा नहीं दिखाया जाना चाहिए।

अमेरिका की अगुआई में 2001 में नाटो हमले से पूर्व अफगानिस्तान पर राज करने वाली तालिबान सरकार के दो पूर्व मंत्रियों सहित चार नेताओं के साथ साक्षात्कार पर आधारित इस रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान को अफगानिस्तान से नाटो सैनिकों की वापसी के बाद भी अमेरिकी सैन्य उपस्थिति पर कोई एतराज नहीं है। अलकायदा के खिलाफ अमेरिकी कार्रवाई भी जारी रहने दी जाएगी। अमेरिकी सैनिकों से उन्हें तब तक कोई परेशानी नहीं है जब तक कि अफगानिस्तान का इस्तेमाल उसकी राजनीति में दखलंदाजी करने या किसी दूसरे देश पर हमले के लिए न किया जाए।

तालिबान शुरू से ही करजई सरकार के साथ बातचीत का विरोधी रहा है। वह अफगानिस्तान के 2003 के संविधान को भी मान्यता नहीं देता। वर्ष 2014 में नाटो सैनिकों की वापसी के बाद अफगानिस्तान के भविष्य को लेकर चिंतित अमेरिका तालिबान के साथ शांति समझौते को जल्द से जल्द निपटाने का प्रयास कर रहा है।

फेसबुक पर खूबसूरत धोखा

मेलबर्न। तालिबान चरमपंथी अफगानिस्तान में गठबंधन सेना के खुफिया अभियानों की जानकारी हासिल करने के लिए फेसबुक पर आकर्षक महिलाओं के रूप धरकर सैन्य बलों से दोस्ती गांठ रहे हैं। आस्ट्रेलियाई सरकार ने अपनी रिपोर्ट में यह चेतावनी दी गई है। सैन्य बलों को फेसबुक पर फर्जी प्रोफाइल, मीडिया कर्मियों और दुश्मनों द्वारा बनाए गए झूठे अकाउंटों से सावधान रहने को कहा है।

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