1984 दंगों को नरसंहार घोषित करने को सिखों ने बनाया दबाव
वाशिंगटन। सिखों के एक संगठन के सदस्यों ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात कर भारत में 1
वाशिंगटन। सिखों के एक संगठन के सदस्यों ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात कर भारत में 1984 में हुए सिख विरोधी दंगे को नरसंहार घोषित करने के लिए समर्थन मांगा है। संगठन इस बारे में ओबामा प्रशासन से पहले ही अनुरोध कर चुका है।
सिख फॉर जस्टिस [एसएफजे] संगठन के कानूनी सलाहकर गुरपतवंत सिंह पन्नुन ने कहा, '1984 के दंगों को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद लोगों की प्रतिक्रिया के रूप में प्रस्तुत किया जाता है जबकि ऐसा नहीं है। इसे कांग्रेसी नेताओं ने सोच समझकर और योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया था।' सिख संगठन ने अधिकारियों को दंगे में जीवित बचे लोगों के बयान के बारे में जानकारी दी। उसकी ओर से हरियाणा और अन्य राज्यों में मिली सामूहिक कब्रों के प्रमाण भी अधिकारियों को उपलब्ध कराए।
संगठन ने अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष भारत सरकार के रिकॉर्डो को भी अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया। इनमें दंगे के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में 35 हजार लोगों में मारे जाने और गंभीर रूप से घायल होने की बात कही गई थी।
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