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'ओस्‍लो संधि' के लिए हमेशा जाने जाएंगे शिमोन, मिला था नोबेल पीस प्राइज

शिमोन पेरेज अपनी तेजतर्रार छवि के लिए हमेशा जाने जाएंगे। इसके साथ ही उन्‍हें ऑस्‍लो संधि के लिए भी हमेशा याद किया जाएगा, जिसके लिए उन्‍हें संयुक्‍त रूप से नोबेल शांति पुरस्‍कार भी मिला था।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 28 Sep 2016 08:18 AM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2016 09:11 AM (IST)
'ओस्‍लो संधि' के लिए हमेशा जाने जाएंगे शिमोन, मिला था नोबेल पीस प्राइज

नई दिल्ली (जेएनएन)। इजराइल के पूर्व राष्ट्रपति शिमोन पेरेज के निधन से कई लोगों को गहरा धक्का लगा हैै। वह न सिर्फ इजराइल में बल्कि पूरी दुनिया में एक दमदार नेता और राष्ट्राध्यक्ष के रूप में देखे जातेे थे। ऑस्लो संधि में अहम भूमिका निभाने वाले शिमोन को उनकी इसी भूमिका के चलते नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। शिमाेेन वर्ष 2007 से लेकर 2014 तक देश के नौवें राष्ट्रपति के तौर पर पद पर रहे थे। ऑस्लो संधि में अहम भूमिका निभाने के लिए उन्हें और फिलिस्तीन राष्ट्रपति यासर अराफात को संयुक्त रूप से 1994 में नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया था।

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तेजतर्रार नेता की छवि

शिमोन बेहद तेजतर्रार नेता के तौर पर हमेशा याद किए जाते रहेंगे। फिलिस्तीन के प्रति उनके रुख से पूरी दुनिया भलिभांति परिचित है। उनके राष्ट्राध्यक्ष रहते हुए फिलिस्तीन और इजराइल के बीच कई बार हिंसक झड़प और युद्ध की स्थिति कायम हुई। शिमोन दो बाद देश के प्रधानमंत्री और एक बार राष्ट्रपति भी रहे। वह 12 केबिनेेट के भी सदस्य थे।

पहली बार नेसेट से चुने गए

उन्होंने अपने राजनीति करियर की शुरुआत करीब 66 वर्ष पहले की थी। सबसे पहली बार वह नवंबर 1959 में नेसेट से चुने गए थे। इसके बाद उन्होंने न तो कभी पीछे मुड़कर देखा ने ही इस जगह को ही छोड़ा। वह लगातार 2007 तक इसी जगह से चुने जाते रहे।

कई अहम पदों पर रहे शिमोन

शिमाेन देश के पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें 1952 में डिप्टी डायरेक्टर जनरल ऑफ डिफेंस बनाया गया था। इसके बाद अगले ही वर्ष उन्हें डायरेक्टर जनरल बना दिया गया। इस पद पर वह 1959 तक रहे। यह वही समय था जब वह पहली बार नेसेट से चुने भी गए। अपने जीवन में वह कई डिप्लोमेटिक और मिलिट्री पॉजीशन पर रहे। इजराइल युद्ध के दौरान भी वह अहम पद पर थे। अपने राजनीतिक करियर में उन्होंने छह राजनीतिक पार्टियां बदलीं। इनमें मपाई, राफी, द अलाइनमेंट, लेबर और कदिमा शामिल हैं।

दुनिया के सबसे वृद्ध राष्ट्राध्यक्ष

पेरेज को वर्ष 2007 में कदिमा की ही तरफ से राष्ट्रपति का उम्मीद्वार बनाया गया था। इसमें उनकी मदद नेसेट के लोगों ने की और उन्हें देश के सर्वोच्च पद पर बिठाया। 15 जुलाई 2007 को उन्होंने सात वर्षों के लिए देश के राष्ट्रपति पद की शपथ ली। वह पहले ऐसे राष्ट्रपति थे जो पहले दो बार देश के प्रधानमंत्री भी रहे चुके थे। वर्ष 2014 में जब वह रिटायर हुए थे तब वह दुनिया के सबसे वृद्ध राष्ट्राध्यक्ष भी थे।

बड़े व्यापारी थे शिमोन के पिता

शिमोन पेरेज का जन्म 2 अगस्त 1923 में पोलेंड के विसजिन्यू में हुआ था। मौजूदा समय में यह बेलारूस का हिस्सा है। उनका परिवार हिब्रू, यीदिश और रूसी भाषा बोलता था। संपन्न परिवार में जन्में शिमोन के पिता वहां के बड़े लकड़ी व्यापारी थे। उनके जन्म के बाद शिमोन के पिता ने दूसरे बिजनेस में भी हाथ आजमाया। शिमोन की पिता लाइब्रेरियन थीं। शिमोन अमेरिका के फिल्म स्टार लॉरेन बेकाल के रिश्तेदार भी थे।

इजराइल के पूर्व राष्ट्रपति शिमोन पेरेज का 93 वर्ष की आयु में निधन


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