पाकिस्तान में फांसी की सजा पर फिलहाल रोक
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने रविवार को राष्ट्रपति के साथ विचार-विमर्श होने तक फिलहाल फांसी की सजा पर रोक लगाने का आदेश दिया है। उन्होंने यह रोक राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी द्वारा पत्र लिखे जाने के बाद लगाई है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने रविवार को राष्ट्रपति के साथ विचार-विमर्श होने तक फिलहाल फांसी की सजा पर रोक लगाने का आदेश दिया है। उन्होंने यह रोक राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी द्वारा पत्र लिखे जाने के बाद लगाई है।
टीवी चैनलों ने सरकारी प्रवक्ता के हवाले से कहा कि राष्ट्रपति ने अगले सप्ताह प्रस्तावित लश्करे झांगवी के दो आतंकवादियों को फांसी की सजा देने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री के साथ विचार विमर्श की इच्छा व्यक्त की है। जरदारी इस समय देश से बाहर हैं। इसीलिए प्रधानमंत्री ने गृहमंत्री को इस मुद्दे पर राष्ट्रपति के साथ विचार-विमर्श होने तक प्रस्तावित फांसी की सजा पर रोक लगाने का आदेश दिया है।
प्रवक्ता ने राष्ट्रपति द्वारा फांसी पर रोक लगाने की खबरों का खंडन किया है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति ने पत्र लिखकर फांसी की सैकड़ों लंबित मामलों पर चर्चा की इच्छा व्यक्त की है।
गत मंगलवार को ही सजायफ्ता आतंकवादियों को फांसी की सजा देने की औपचारिकताएं पूरी कर लेने वाली सरकार अब राष्ट्रपति को क्या जवाब देगी, अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है। यही नहीं सिंध प्रांत की आतंकरोधी अदालत प्रतिबंधित लश्करे झांगवी के दो आतंकवादियों को 20 अगस्त को फांसी की सजा देने के लिए वारंट जारी कर चुकी है।
गौरतलब है कि 2008 में तत्कालीन पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने फांसी पर रोक लगा दी थी। आधिकारिक आकड़ों के अनुसार, इस समय पाकिस्तान में करीब सात हजार कैदियों की फांसी की सजा लंबित है।
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