चर्च पर हमले से तालिबान से वार्ता मुश्किल: शरीफ
पेशावर में चर्च पर हुए आत्मघाती हमले के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने संकेत दिए हैं कि तालिबान से सर्वदलीय समर्थित वार्ता की योजना पर आगे बढ़ना मुश्किल है। वहीं इस घटना के विरोध में सोमवार को पूरे देश में ईसाइयों और नागरिक संगठनों ने प्रदर्शन किए। रविवार को हुए इस हमले में मरने वालों की सं
इस्लामाबाद। पेशावर में चर्च पर हुए आत्मघाती हमले के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने संकेत दिए हैं कि तालिबान से सर्वदलीय समर्थित वार्ता की योजना पर आगे बढ़ना मुश्किल है। वहीं इस घटना के विरोध में सोमवार को पूरे देश में ईसाइयों और नागरिक संगठनों ने प्रदर्शन किए। रविवार को हुए इस हमले में मरने वालों की संख्या 81 पहुंच गई है।
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द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार में सोमवार को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र महासभा के 68वें अधिवेशन में भाग लेने के लिए न्यूयॉर्क रवाना हुए शरीफ ने कहा, इस तरह की घटनाएं शांति वार्ता के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि सरकार ने सभी पार्टियों की सहमति से शांति वार्ता के लिए जो परिकल्पना की थी उस पर आगे बढ़ना कठिन हो गया है। उन्होंने ऐतिहासिक चर्च पर हुए हमले को राष्ट्रीय त्रासदी करार दिया है। साथ ही अधिकारियों को देश में अल्पसंख्यकों के पूजा स्थलों के लिए नई सुरक्षा योजना तैयार करने के लिए निर्देशित किया। रविवार को पेशावर में कोहाटी गेट स्थित 130 वर्ष पुराने व्हाइट-स्टोन ऑल सेंट चर्च में दो आत्मघाती हमलावरों ने खुद को उड़ा लिया था। इस हमले में 145 लोग घायल हुए थे जबकि मरने वालों की संख्या 81 पहुंच गई है। हमले की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति गठित की गई है। वहीं खैबर पख्तूनख्वा के पुलिस महानिरीक्षक अहसान गनी को हटा दिया गया है। उनके स्थान पर नासिर दुर्रानी को नियुक्त किया गया है। इस हमले के विरोध में कराची, इस्लामाबाद, लाहौर, फैसलाबाद, हैदराबाद, पेशावर सहित पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किए गए। जबकि कराची में सभी मिशनरी स्कूल और कॉलेज बंद रहे। पाकिस्तान के इतिहास में इसे चर्च पर अब तक का सबसे भीषण हमला माना जा रहा है।
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