फिर जागा स्कॉटलैंड में जनमत संग्रह का भूत
स्कॉटलैंड की आजादी के लिए जनमत संग्रह का भूत एक बार फिर जाग गया है। पिछले ही महीने कड़े मुकाबले में आजादी समर्थक की हार से राहत की सांस ले रहे ब्रिटिश नेता एक बार फिर उसी प्रक्रिया से बचने के लिए सक्रिय हो गए हैं। रविवार को ब्रिटेन के स्कॉटलैंड मंत्री एलिस्टर कारमाइकल ने कहा कि यूनाइटेड किंगडम (य
ग्लासगो। स्कॉटलैंड की आजादी के लिए जनमत संग्रह का भूत एक बार फिर जाग गया है। पिछले ही महीने कड़े मुकाबले में आजादी समर्थक की हार से राहत की सांस ले रहे ब्रिटिश नेता एक बार फिर उसी प्रक्रिया से बचने के लिए सक्रिय हो गए हैं। रविवार को ब्रिटेन के स्कॉटलैंड मंत्री एलिस्टर कारमाइकल ने कहा कि यूनाइटेड किंगडम (यूके) के भविष्य को अनिश्चितता में न डाला जाए।
आजादी समर्थकों ने दोबारा जनमत संग्रह की मांग की है। नतीजों में 45 फीसद आजादी चाहने वाले और 55 फीसद इसके विरोधी निकले थे। इस फैसले से इंग्लैंड और स्कॉटलैंड का 307 साल पुराना गठबंधन बच गया। मगर अब यह मांग फिर उठने लगी है। स्कॉटिश नेशनल पार्टी के एलेक्स सेलमंड के इस्तीफे के बाद फर्स्ट मिनिस्टर का पद संभालने वाली निकोला स्टर्जन ने कहा कि दोबारा जनमत संग्रह की योजना नहीं है। लेकिन ब्रिटेन ने वादे पूरे नहीं किए तो विचार किया जाएगा। एलिस्टर ने कहा कि ब्रिटेन ने स्वतंत्र, निष्पक्ष और कानूनी मतदान सफलता से करवाया। जनता ने यूके के साथ रहने के पक्ष में राय दी। इस नतीजे को सभी को स्वीकारना चाहिए।
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