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ब्रिटेन के ईयू से बाहर होने के फैसले से स्‍कॉटलैंड को जगी आजादी की उम्‍मीद !

ब्रिटेन की जनता ने जहां ईयू से अलग होने के लिए वोट किया है वहीं स्‍कॉटलैंड की जनता ने ईयू में बने रहने में विश्‍वास जताया है। यह फैसला उसकी आजादी की राह खोलने वाला हो सकता है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 24 Jun 2016 06:01 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jun 2016 06:40 PM (IST)
ब्रिटेन के ईयू से बाहर होने के फैसले से स्‍कॉटलैंड को जगी आजादी की उम्‍मीद !

एडिनबर्ग (रायटर)। ब्रेक्सिट ने ब्रिटेन की एकजुटता पर भी असर डाला है। यूरोपीय यूनियन से ब्रिटेन तो अलग हो जाएगा लेकिन स्कॉटलैंड को लेकर सवाल पैदा हो गया है। स्कॉटलैंड की जनता ने भारी बहुमत से यूरोपीय यूनियन के साथ रहने के पक्ष में वोट दिया है। वहां की प्रथम मंत्री निकोला स्टरगेन ने कहा है कि स्कॉटलैंड यूरोपीय यूनियन में अपना भविष्य देख रहा है। ब्रिटेन में हुआ जनमत संग्रह स्कॉटलैंड की आजादी का रास्ता खोलने वाला हो सकता है। यह यूनाइटेड किंगडम में विघटन की शुरुआत भी हो सकती है।

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भले ही यूरोपीय यूनियन छोड़ने के लिए ब्रिटेन में मामूली अंतर से फैसला हुआ है। लेकिन स्कॉटलैंड ने बड़े अंतर से 28 देशों के वर्तमान समूह के साथ बने रहने का फैसला किया है। इस लिहाज से दोनों की राह जुदा हो गई है। स्कॉटिश नेशनल पार्टी की प्रमुख स्टरगेन ने स्कॉटलैंड की जनता के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने इसे स्पष्ट संदेश बताया है। पूर्व प्रथम मंत्री एलेक्स सेलमंड ने कहा, यह दूसरी आजादी के लिए जनमत संग्रह की तरह है।

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गौरतलब है कि करीब तीन साल पहले स्कॉटलैंड की आजादी के लिए हुए जनमत संग्रह में अलगाव के लिए तैयार न होने की बड़ी वजह यह भी थी क्योंकि तब उसे यूरोपीय यूनियन छोड़ना पड़ता। लेकिन अब उसी जनता ने बाकी ब्रिटेन से अलग हटते हुए यूरोपीय यूनियन के साथ बने रहने का निर्णय लिया है। एक तरह से यह करीब तीन सौ साल पुराने रिश्ते का अंत है।

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मतभिन्नता के इस दौर में कुछ अन्य सवाल भी उठ रहे हैं। जैसे कि ब्रिटेन के हटने से वैश्विक अर्थ व्यवस्था में यूरोपीय यूनियन का वजन काफी कम हो जाएगा। स्कॉटलैंड अपने उत्पादन का दो तिहाई हिस्सा बाकी ब्रिटेन को देता है। इस फैसले का असर निर्यात पर भी पड़ सकता है, साथ ही सुरक्षा और अर्थ व्यवस्था को लेकर और भी चिंताएं पैदा होंगी।

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