सरबजीत की हालत बेहद नाजुक, डॉक्टरों का ब्रेन डेड से इनकार
लाहौर। यहां के जिन्ना अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की हालत और बिगड़ गई है। हालांकि डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित नहीं किया है। अल्लामा इकबाल मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल महमूद शौकत ने सरबजीत की हालत बिगड़ने की पुष्टि की है।
लाहौर। यहां के जिन्ना अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की हालत और बिगड़ गई है। हालांकि डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित नहीं किया है।
अल्लामा इकबाल मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल महमूद शौकत ने सरबजीत की हालत बिगड़ने की पुष्टि की है। वह उनकेइलाज पर नजर रखने वाले चार सदस्यीय मेडिकल बोर्ड के प्रमुख हैं। सरबजीत इस समय सरकारी जिन्ना अस्पताल के विशेष गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती हैं। शौकत ने कहा कि जानेमाने न्यूरो सर्जन और अन्य डॉक्टर उनकी जिंदगी बचाने के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा उपलब्ध करा रहे हैं। हालत बिगड़ने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें दी जा रही कुछ दवाओं में बदलाव किया है। हालांकि दूसरे सीटी स्कैन में भी उनके हालत सुधरने के कोई संकेत नहीं मिले हैं। सूत्रों ने पहले ही बताया था कि सरबजीत की स्थिति को ग्लैसगो कोमा स्केल [जीसीएस] पर पांच मापा गया था। इससे संकेत मिलता है कि उनके सेंट्रल नर्वस सिस्टम को बहुत नुकसान पहुंचा है।
इस बीच सरबजीत की बहन दलबीर कौर ने इलाज में मदद के लिए भारतीय डॉक्टरों को बुलाने की मांग की है। इलाज की खातिर सलाह लेने के लिए वह भारत लौटने की योजना बना रही हैं। सरबजीत की हालत को लेकर भारतीय उच्चायोग के दो अधिकारियों ने भी सोमवार को मेडिकल बोर्ड के सदस्यों से मुलाकात की थी।
अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस
पंजाब सरकार ने सरबजीत को कैदियों के हमले से बचाने में विफल रहने पर कोट लखपत जेल के सात अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इनमें अधीक्षक मोहसिन रफीक और अतिरिक्त अधीक्षक इश्तियाक अहमद गिल और सवर सुमेरा भी शामिल हैं। डॉक्टरों ने पहले ही कहा था कि सरबजीत के बचने की संभावना कम है। उन पर शुक्रवार को जेल में छह कैदियों ने जानलेवा हमला किया था।
तस्वीरों में देखें पाकिस्तान में सरबजीत से मिला उनका परिवार
गौरतलब है कि लाहौर की कोट लखपत जेल में शुक्रवार को हमले के बाद से अस्पताल में भर्ती सरबजीत सिंह की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। नई दिल्ली ने इलाज के लिए सरबजीत को भारत भेजे जाने पर विचार के साथ ही इस घटना की जांच कर पाक से दोषियों को सजा देने की मांग की है।
विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने कहा, ताजा हालात के मद्देनजर हम एक बार फिर पाकिस्तान सरकार से आग्रह करते हैं कि इस मामले में मानवीय आधार पर विचार करे और सरबजीत को रिहा करे। जिन्ना अस्पताल में भर्ती सरबजीत सिंह को देखने के लिए मौजूद परिजनों के साथ ही भारतीय उच्चायोग के अधिकारी भी लगातार डॉक्टरों के संपर्क में हैं। भारत ने पाक से जांच कर सरबजीत के हमलावरों की पहचान करने और उनकी सजा सुनिश्चित करने को भी कहा है। बीते चार महीने में पाकिस्तानी जेल में दो भारतीय कैदियों चमेल सिंह और सरबजीत सिंह पर हुई घटना के बाद भारत ने पाक सरकार को कर्तव्य की भी याद दिलाई।
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि जेलों में बंद भारतीय कैदियों की हिफाजत पाक सरकार की जिम्मेदारी है। लाहौर के जिन्ना अस्पताल से जारी ताजा मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक सरबजीत की स्थिति गंभीर बनी हुई है। पीड़ित को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने के लिए भारत भेजे जाने को लेकर उठ रही मांगों का समर्थन करते हुए केंद्र ने भी कहा है कि इस बारे में विचार किया जाना चाहिए।
भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 1990 में हुए सिलसिलेवार धमाकों का आरोपी बताते हुए बंदी बनाकर रखा गया है। इस मामले में पाक अदालत सरबजीत को मौत की सजा सुना चुकी है। पाकिस्तान सरबजीत को भारतीय खुफिया एजेंसी का एजेंट बताता रहा है। हालांकि, अभी तक इसके लिए कोई ठोस सबूत पेश नहीं किए गए हैं। सरबजीत की रिहाई को लेकर दोनों मुल्कों केबीच कई साल से बात हो रही है। बीते साल मई में भारत और पाकिस्तान के गृह सचिवों की बातचीत में यह मुद्दा उठा था। वहीं, दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की सितंबर 2012 में हुई मुलाकात में भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी।
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