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UN में दूसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का नेतृत्व करेंगे सदगुरु जग्गी वासुदेव

इस साल 21 जून को यूएन में दूसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का नेतृत्व ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सदगुरू जग्गी वासुदेव करेंगे।

By anand rajEdited By: Published: Sat, 28 May 2016 12:41 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2016 01:57 PM (IST)
UN में दूसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का नेतृत्व करेंगे सदगुरु जग्गी वासुदेव

संयुक्त राष्ट्र (प्रेट्र) । आध्यात्मिक गुरु और ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सदगुरू जग्गी वासुदेव अगले माह संयुक्त राष्ट्र में आयोजित होने वाले दूसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाएगा। इस साल इसकी थीम सतत विकास लक्ष्यों के लिए योग है।

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संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन ने यहां कहा कि इस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में योग सत्र का प्रतिनिधित्व सदगुरू करेंगे। संयुक्त राष्ट्र में पिछले साल पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून, अध्यात्मिक गुरु श्री श्री रवि शंकर और अमेरिका की कांग्रेस सदस्य तुलसी गैबार्ड की मौजूदगी में मनाया गया था।

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समारोह में बान और उनकी पत्नी ने सैकड़ों छात्रों और योग प्रशिक्षकों के साथ मिलकर कई आसन किए थे और ध्यान लगाया था। संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन द्वारा योग दिवस आयोजन से इतर शहर में विभिन्न संगठनों द्वारा कई अन्य समारोह का भी आयोजन किया जाएगा।

कौन हैं सदगुरु जग्गी वासुदेव?

जग्गी वासुदेव का जन्म कर्नाटक के मैसूर में एक तेलुुगु परिवार में हुआ था। अपने माता-पिता की चार संतानों में जग्गी सबसे छोटे थे। मात्र 11 वर्ष की उम्र से ही उन्होंने योग सिखना शुरू कर दिया था। उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में ग्रेजुएशन किया।

वहीं पर उनके अंदर घुमने और बाइक राइडिंग की रुचियां जन्मी। उन्होंने पोल्ट्री फॉर्म और कन्सट्रक्शन जैसे बिजनेस भी शुरू किये।

23 सितंबर 1982 को उन्हें चामुण्डा हिल पर एक अलग ही आध्यात्मिक अनुभव हुआ , जिसने उनका जीवन हमेशा के लिए बदल दिया। उन्होंने अपना बिजनेस छोड़कर अपना जीवन योग की सेवा में लगाने का निश्चय किया। जल्दी ही उन्होंने इश फाउंडेशन की स्थापना की और कर्नाटक तथा उसके आस पास के क्षेत्रों में योग सिखाने लगे। जल्दी ही उनका फाउंडेशन विदेशों में भी फैल गया।

उनके परिवार में एक पत्नी और बेटी थी। उनकी पत्नी का 1996 में निधन हो गया। जबकि उनकी बेटी राधे जग्गी एक प्रख्यात भरतनाट्यम डांसर हैं। उन्हें जहां आधुनिक कपड़ों से कोई परहेज नहीं है वहीं वे इंटरनेट, लैपटॉप, स्मार्टफोन और आधुनिकतम तकनीकों का भी इस्तेमाल करते हैं।

सदगुरु जग्गी वासुदेव को स्पोर्ट्स बेहद पसंद है। अक्सर उन्हें कोई आउटडोर गेम खेलते देखा जा सकता है। उन्हेें पहाड़ों पर घूमना, फुटबॉल खेलना और बाइक राइडिंग करना अच्छा लगता है।

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