अफगानिस्तान की आर्थिक मदद में होगी कटौती
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका और अन्य जगहों से मिली अरबों डॉलर की सहायता के चलते अफगानियों के जीवनस्तर में काफी सुधार आया है।
वाशिंगटन। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका और अन्य जगहों से मिली अरबों डॉलर की सहायता के चलते अफगानियों के जीवनस्तर में काफी सुधार आया है।
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अफगानिस्तान में तालिबान शासन की तुलना में अब लोग 20 वर्ष ज्यादा जीते हैं। सत्तर लाख बच्चे स्कूल जाने लगे हैं और प्रसव के दौरान होने वाली महिलाओं की मौत में भी खासी गिरावट आई है। हालांकि अगले साल के अंत तक अमेरिकी बलों के स्वदेश लौटने का असर अफगानिस्तान को मिलने वाली सुविधाओं और वित्तीय सहायता पर भी पड़ सकता है। जब तक ओबामा प्रशासन अफगानी राष्ट्रपति हामिद करजई को सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर के लिए नहीं मना लेता, तब तक वित्तीय सुविधाओं को लेकर अनिश्चितता बनी रहेगी। इस समझौते के तहत 2014 के बाद भी कुछ अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान में रह सकेंगे। करजई ने इस पर हस्ताक्षर करने के लिए कुछ शर्ते रखी हैं। अमेरिका चाहता है कि करजई इस वर्ष के अंत तक इस समझौते पर हस्ताक्षर कर दें। ऐसा नहीं होने पर अफगानिस्तान को दी जा रही मदद अमेरिका वापस ले सकता है।
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के लिए अमेरिकी राजदूतजेम्स डॉबिंस ने इस महीने अमेरिकी संसद के समक्ष कहा था, 'मेरा मानना है कि अफगानिस्तान में हमारा कोई सैनिक न रूके और न ही कोई सहायता राशि दी जाए।' पिछले साल अमेरिका और अन्य दानकर्ता देशों ने अफगानिस्तान को 2015 तक 16 अरब डॉलर की सहायता राशि उपलब्ध कराने का वायदा किया था। जिसमें से आधी धनराशि अफगान सरकार के माध्यम से खर्च की जाएगी। अफगान सरकार ने भी सुशासन, मानवाधिकार और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने का वायदा किया है। वर्ष 2001 में तालिबान को सत्ता से उखाड़ फेंकने के बाद से अमेरिका अफगानिस्तान को मदद के तौर पर 88 अरब डॉलर दे चुका है। युद्ध के दौरान खर्च होने वाली धनराशि इसमें शामिल नहीं है।
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